एक्सप्लोरर

ब्लॉग- बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी: आगे-आगे देखिए होता है क्या!

साहित्य के नोबल विजेता लेखक अल्बेयर कामू का एक कथन है- ‘अगर आप डर की वजह से किसी की इज्जत कर रहे हैं तो इससे भयानक कुछ नहीं है.’ हौसले और सुकून की बात है कि भारत में आज भी ऐसे जांबाज हैं, जो किसी की इज्जत डर की वजह से नहीं, उसके व्यक्तित्व और कृतित्व की वजह से करते हैं. इनमें अनगिनत बुद्धिजीवी, कलाकार,  मानवाधिकार कार्यकर्ता, मेहनतकश किसान-मजदूर और आम मतदाता शामिल हैं. लेकिन निरंकुश सत्ता किसी की भी हो, उसे खब्त सवार हो जाती है कि वह असहमति जताने वाले हर शख्स को परम भयातुर करके ही छोड़ेगी. स्वर्गीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा थोपा गया आपातकाल भोगने वाली पीढ़ी आज भी अत्याचारों को याद करके सिहर जाती है. उस दौरान गिरफ्तारियां काटने वाले और जान बचा कर भूमिगत हो जाने वाले लोग इसका जिंदा सबूत हैं. इसी तरह पिछले एक दशक में गोविंद पानसारे, दाभोलकर, कलबुर्गी और गौरी लंकेश जैसे तर्कशील प्रोफेसरों-लेखकों-पत्रकारों की निर्घृण हत्याएं वैचारिक असहिष्णुता का जीता जागता उदाहरण है. इधर असहमति का स्वर खामोश कर देने की प्रवृत्ति बलवती होती चली जा रही है.

अभी 28 अगस्त की सुबह बड़ी तत्परता के साथ लेखकों, विचारकों, प्रोफेसरों, आदिवासी व सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों के घरों पर हुई छापेमारी और उनकी गिरफ्तारियां इसी कवायद की एक कड़ी है. ये सामान्य गिरफ्तारियां नहीं हैं. हैदराबाद में वामपंथी कार्यकर्ता और कवि वरवर राव, मुंबई में सामाजिक कार्यकर्ता वेरनन गोन्जाल्विस और अरूण फरेरा, फरीदाबाद और छत्तीसगढ़ में ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और दिल्ली में रहने वाले सिविल लिबर्टीज के कार्यकर्ता और पत्रकार गौतम नवलखा इस पुलिसिया कार्रवाई का निशाना बने हैं. गौरतलब है कि इन सभी का भारत के सबसे गरीब और उपेक्षित लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए काम करने का इतिहास रहा है.

आश्चर्य और मजे की बात यह है कि देश भर से हुई इन गिरफ्तारियों की आड़ में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर पूर्व केंद्रीय वित्त और रक्षा मंत्री पी. चिदंबरम तक मोदी सरकार की आलोचना में जुट गए हैं! क्या उन्हें याद नहीं है कि यूपीए सरकार के दौरान पुलिस ने विनायक सेन को माओवादियों का कूरियर बताकर और कोबाड गांधी को विस्फोटों का मास्टरमाइंड बता कर उनकी क्या गत बनाई थी? कोई सबूत न मिलने पर दोनों को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी. क्या कांग्रेसी यह भी भूल गए हैं कि कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी को राजद्रोह का आरोप लगा कर मुंबई की आर्थर रोड जेल किसने भेजा था, जिन्हें हाई कोर्ट ने जमानत दी थी? बुद्धिजीवियों को हिंदू-मुस्लिम चश्मे से देखने वाले राहुल गांधी को क्या नैतिक अधिकार बनता है कि वह बुद्धिजीवियों की पैरोकारी में टंसुए बहाते फिरें?

हालांकि अगर कोई देशद्रोह, किसी कुकर्म या अपराधिक कार्य में मुब्तिला है तो उसे इसलिए छूट नहीं दी जा सकती कि वह बुद्धिजीवी है या कोई महान सामाजिक कार्य कर रहा है. सरकार और पुलिस प्रशासन का दायित्व बनता है कि वह न्यायालय में साक्ष्य पेश करके अपराधी को सजा दिलाए. हालिया गिरफ्तारियों के पीछे सुरक्षा एजेंसियों ने कहा है कि पिछली जून में गिरफ्तार माओवादियों की चिट्ठियों से प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और भाजपाध्यक्ष की हत्या की साजिश रचे जाने का अंदेशा था. ये तथाकथित चिट्ठियां वर्ष 2016 और 2107 की बताई जा रही हैं. कहा जा रहा है कि चिट्ठियों से इस योजना का खुलासा हुआ कि रोड शो के दौरान राजीव गांधी की तरह मोदी जी पर हमला किया जाना था! इससे अवगत एक सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक एक पत्र ‘‘कॉमरेड प्रकाश’’ के नाम पर था और इसे दिल्ली में रह रहे नक्सली रोना विल्सन के आवास से 6 जून 2017 को पाया गया था.

इस तथाकथित पत्र का मामला भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा से जोड़ दिया गया है जबकि पुणे पुलिस के निवर्तमान संयुक्त आयुक्त रवींद्र कदम ने जांच के बाद बीती दो अगस्त को कहा था कि भीमा कोरेगांव हिंसा से माओवादियों के तार जुड़े होने का पता नहीं चला है. हाल ही में कदम का तबादला नागपुर कर दिया गया. विश्रामबाग थाना में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक पिछले साल 31 दिसंबर को पुणे में एल्गार परिषद नाम के एक कार्यक्रम में कथित तौर पर ‘‘भड़काऊ’’ टिप्पणी करने के बाद कोरेगांव भीमा गांव में हिंसा भड़की थी. यह सच है कि एल्गार परिषद के आयोजन में ‘फासीवाद विरोधी मोर्चा’ की भूमिका थी, जिसका गठन मौजूदा सरकार की नीतियों के विरोध में किया गया था. लेकिन माओवादियों से संपर्क रखने के आरोप में जून में दलित कार्यकर्ता सुधीर धावले को मुंबई में उनके घर से गिरफ्तार किया गया, जबकि वकील सुरेंद्र गाडलिंग, कार्यकर्ता महेश राऊत और शोमा सेन को नागपुर से और रोना विल्सन को दिल्ली में मुनिरका स्थित उनके फ्लैट से गिरफ्तार किया गया था.

सत्ताधारी भूल बैठे हैं कि बुद्धिजीवी और मानवाधिकार कार्यकर्ता उनके दुश्मन नहीं बल्कि जनता के दोस्त होते हैं. वे सरकारी नीतियों से असहमति जताकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के माध्यम से लोकतंत्र की आत्मा को जीवित रखते हैं. लेकिन लगता है कि देश चलाने वालों को कबीर की ‘निंदक नियरे राखिए’ वाली सीख से भी कोई लेना-देना नहीं रह गया. सरकार के तौर-तरीकों से असहमत हर आदमी को देशद्रोही, पाकिस्तान का पैरोकार और षड़्‌यंत्रकारी करार देने का जो निर्बाध तंत्र हमारे देश में फला-फूला है, उससे स्पष्ट होता है कि इस घृणित-तंत्र के सरपरस्तों को लोकतंत्र से भी कोई लेना-देना नहीं है.

आभासी स्थलों पर सहमति-असहमति अपनी जगह है लेकिन जमीनी स्तर पर सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई विचलित करने वाली है. इसका अंतर्राष्ट्रीय संदेश भी नकारात्मक जाएगा क्योंकि गिरफ्तार होने वाले सरकार के आलोचक रहे हैं. जिन सुधा भारद्वाज के घर की पांच घंटे तलाशी चली, वे ऐसी त्यागी कार्यकर्ता हैं जो जन्म से ही प्राप्त अपनी अमेरिकी नागरिकता और आईआईटी, कानपुर की टॉपर होने का गुमान त्याग कर कई दशकों से बिना फ़ीस लिए गरीब-गुरबों की वकालत करती रही हैं और हाई कोर्ट का जज बनाए जाने तक का ऑफर विनम्रतापूर्वक ठुकरा चुकी हैं.

ताजा गिरफ्तारियों से सवाल पैदा हो रहा है कि क्या बिना सत्ता के भजन गाए दलितों, आदिवासियों, वंचितों और शोषितों के लिए अपना तन-मन-धन समर्पित करने वाले बुद्धिजीवियों को भारत में ऐसा ही ईनाम दिया जाएगा? जेएनयू के छात्रों की घेराबंदी और लेखकों के विरोध को ‘पुरस्कार वापसी गैंग’ का तमगा देने वाले जिस बीहड़ माहौल में सत्ताधारियों से विपरीत राय रखना ही राजद्रोह हो, वहां तो यही कहा जा सकता है- ‘इब्तदा-ए-इश्क है रोता है क्या, आगे-आगे देखिए होता है क्या?’

लेखक से ट्विटर पर जुड़ने के लिए क्लिक करें-  https://twitter.com/VijayshankarC

और फेसबुक पर जुड़ने के लिए क्लिक करें-  https://www.facebook.com/vijayshankar.chaturvedi

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)
और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Delhi Water Crisis: 'रात 2 बजे से लगती लाइनें, पानी के लिए फूट रहे सिर...', दिल्ली जल संकट पर लोगों का छलका दर्द
'रात 2 बजे से लगती लाइनें, पानी के लिए फूट रहे सिर...', दिल्ली जल संकट पर लोगों का छलका दर्द
48 वोट से जीत वाली सीट पर बढ़ा बवाल, रिपोर्ट में दावा- 'EVM से जुड़ा था रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल'
महाराष्ट्र: 48 वोट से जीत वाली सीट पर बढ़ा बवाल, रिपोर्ट में दावा- 'EVM से जुड़ा था रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल'
Happy Father's Day: आयरा खान ने इमोशनल वीडियो शेयर कर आमिर खान को दी बधाई, बिपाशा बसु ने भी पिता को कहा- 'हैप्पी फादर्स डे'
आयरा खान ने शेयर किया वीडियो, बिपाशा बसु ने भी पिता को कहा- 'हैप्पी फादर्स डे'
CSIR UGC NET 2024: सीएसआईआर यूजीसी नेट परीक्षा 2024 की एग्जाम सिटी स्लिप जारी, यहां से कर लें डाउनलोड
सीएसआईआर यूजीसी नेट परीक्षा 2024 की एग्जाम सिटी स्लिप जारी, यहां से कर लें डाउनलोड
metaverse

वीडियोज

Delhi Water Crisis: पानी के लिए हिंदू बहुल इलाकों को परेशान किया जा रहा- Kapil Mishra | CM KejriwalDelhi Water Crisis: आज दिल्ली सरकार के अधिकारी चंड़ीगढ़ जाएंगे,हरियाणा सरकार से पानी की मांग करेंगेDelhi Water Crisis: दिल्ली जल संकट पर बांसुरी स्वराज का बयान  | CM Kejriwal | BJPDelhi Water Crisis: पानी के लिए तरस रहे राजधानी दिल्ली के लोग,गहरा रहा जलसंकट

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Delhi Water Crisis: 'रात 2 बजे से लगती लाइनें, पानी के लिए फूट रहे सिर...', दिल्ली जल संकट पर लोगों का छलका दर्द
'रात 2 बजे से लगती लाइनें, पानी के लिए फूट रहे सिर...', दिल्ली जल संकट पर लोगों का छलका दर्द
48 वोट से जीत वाली सीट पर बढ़ा बवाल, रिपोर्ट में दावा- 'EVM से जुड़ा था रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल'
महाराष्ट्र: 48 वोट से जीत वाली सीट पर बढ़ा बवाल, रिपोर्ट में दावा- 'EVM से जुड़ा था रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल'
Happy Father's Day: आयरा खान ने इमोशनल वीडियो शेयर कर आमिर खान को दी बधाई, बिपाशा बसु ने भी पिता को कहा- 'हैप्पी फादर्स डे'
आयरा खान ने शेयर किया वीडियो, बिपाशा बसु ने भी पिता को कहा- 'हैप्पी फादर्स डे'
CSIR UGC NET 2024: सीएसआईआर यूजीसी नेट परीक्षा 2024 की एग्जाम सिटी स्लिप जारी, यहां से कर लें डाउनलोड
सीएसआईआर यूजीसी नेट परीक्षा 2024 की एग्जाम सिटी स्लिप जारी, यहां से कर लें डाउनलोड
Amit Shah Meeting: कश्मीर में आतंकी हमलों के बाद एक्शन में सरकार, अमित शाह कर रहे हाई-लेवल मीटिंग, NSA-सेना प्रमुख भी शामिल
कश्मीर में आतंकी हमलों के बाद एक्शन में सरकार, अमित शाह कर रहे हाई-लेवल मीटिंग, NSA-सेना प्रमुख भी शामिल
Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा पर 100 साल बाद बना है ये शुभ संयोग, इन राशियों की खुल जाएगी किस्मत
गंगा दशहरा पर 100 साल बाद बना है ये शुभ संयोग, इन राशियों की खुल जाएगी किस्मत
UGC NET 2024: 18 जून को होगी यूजीसी नेट परीक्षा, एग्जाम देने से पहले जान लें ये नियम, वर्ना हो सकती है परेशानी
18 जून को होगी यूजीसी नेट परीक्षा, एग्जाम देने से पहले जान लें ये नियम, वर्ना हो सकती है परेशानी
Punjabi NRI Attack in Himachal: हिमाचल में पंजाबी NRI से मारपीट, अकाली दल-कांग्रेस ने कंगना के 'थप्पड़ कांड' से जोड़ दिया लिंक
हिमाचल में पंजाबी NRI से मारपीट, अकाली दल-कांग्रेस ने कंगना के 'थप्पड़ कांड' से जोड़ दिया लिंक
Embed widget