Rahu Astrology: भ्रम फ़ैलाने वाला यह ग्रह पहले काम करवाता है फिर दंड भी देता है, बचने के लिए करें ये उपाय
Astrology, Rahu Planet: ज्योतिष के अनुसार, जीवन को दिशा देने में कुंडली के सभी 9 ग्रहों की विशेष भूमिका होती है.

Astrology, Rahu Mantra, Rahu Upay: हर व्यक्ति के जीवन में कुंडली के 9 ग्रहों की विशिष्ट भूमिका होती है. समय –समय पर इन ग्रहों की दशा, महादशा और अंतर्दशा चलती रहती है. इन 9 ग्रहों में राहु ऐसा ग्रह है जो स्वयं ही कर्म करवाता है और कर्म के अनुसार हमें दंड भी देता है. राहु को आकस्मिक ग्रह की संज्ञा दी है क्योंकि यह ग्रह अपनी दशा के किस पड़ाव में अपना असर दिखाए. यह जानकारी करना बहुत मुश्किल हो जाता है.
राहु ग्रह होता है लालची
राहु ग्रह को लालची ग्रह भी कहते है. जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु होते हैं. वह व्यक्ति अपना अच्छा –बुरा कुछ नहीं समझ पाता है. वह लालच का शिकार होकर अपने स्वार्थ में फंस जाता है. उसे अपने स्वार्थ के सिवा कुछ नहीं दिखाई देता है.
भ्रम पैदा करता है राहु
राहु अच्छी बुरी स्थिति को समझने की शक्ति ख़त्म कर भ्रम पैदा करता है. ज्योतिष के अनुसार, जिनकी कुंडली में राहु की स्थिति अशुभ होती है और राहु जब अपना प्रभाव डालना शुरू करते हैं तो व्यक्ति बुरी आदतों का शिकार हो जाता है. उसकी संगत बुरे लोगों के साथ हो जाती है. वह यह भी जानता है कि वह गलत कर रहा है लेकिन वह भ्रमित होकर वही कार्य करता है.
छाया ग्रह
ज्योतिष में भ्रम पैदा करने वाले राहु को छाया ग्रह कहते हैं. वैसे तो राहु और केतु को समान प्रकार का ग्रह कहते हैं लेकिन जहां केतु का परिणाम निश्चित होता है. वहीं राहु ग्रह भ्रम, दुविधा और असमंजस की स्थिति पैदा करते हैं.
राहु के उपाय
ज्योतिष के अनुसार, राहु के अलावा अन्य सभी ग्रह की दशा, महादशा और अंतर्दशा के प्रभावों को दूर करने वाले उपाय एक निश्चित समय पर शुरू होते हैं परंतु वहीँ राहु के कुप्रभाव से बचने के लिए उपाय पहले ही शुरू करने चाहिए ताकि उसकी दशा आये तो उतनी प्रभावी न रहे.
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