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Profitable Farming: मात्र एक एकड़ खेती से जबरदस्त मुनाफा देंगी नए जमाने की ये 5 फसलें, विदेशों में भी मचायी धूम

Profitable crops in India: 1 से 2 एकड़ जमीन पर खेती करने वाले किसान भी अब लाखों का मुनाफा ले सकते हैं. इसके लिए ज्यादा डिमांड वाली फसलों को चुनें, जो हाथों-हाथ बिक जाएं और नुकसान की संभवना भी कम हो.

Profitable Business Ideas: आज के समय में हर किसान चाहता है कि उसकी उगाई हुई फसल खेत से निकलते ही अच्छे दाम पर बिक जाए, जिससे कि थोड़ बहुत मुनाफा हो, लेकिन मौसम की मार और खेती की सही प्लानिंग ना हो पाने के कारण ये काम मुमकिन नहीं हो पाता. एक्सर्ट्स बताते हैं कि किसान चाहे तो 1 एकड़ खेत से भी लाखों की आमदनी ले सकते हैं. इसके लिए सिर्फ तीन चीजों पर ध्यान देना होगा. एक मेहनत, दूसरा सब्र और तीसरा सबसे अधिक मुनाफा देनी वाली फसल के बीज. इन तीनों चीजों से कम समय में अच्छी आमदनी मिल सकती है. आज जो भी किसान अच्छी डिमांड वाली फसलों की खेती कर रहे हैं, उन्हें कम नुकसान में ही अच्छी मुनाफा मिल जाता है. कई युवा भी अब नौकरियां छोड़कर इन फसलों की खेती में जुटे हैं. आज हम आपको उन 5 फसलों के बारे में बताएंगे, जिनकी खेती भारत में होती है, लेकिन देश-विदेश में भारी डिमांड है. आइए जानते हैं इन फसलों के बारे में.

केसर
केसर दुनिया की सबसे मंहगी फसल ही नहीं, बल्कि सबसे मंहगा मसाला भी है, जिसकी डिमांड तो काफी ज्यादा रहती है, लेकिन उसका प्रॉडक्शन नहीं हो रहा. इसके पीछे वजह ये है कि 75,000 केसर के फूलों से सिर्फ 500 ग्राम केसर मिलता है. अच्छी खबर ये है कि केसर को कम जगह में भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इसके लिए पहाड़ी या सर्द इलाका होना जरूरी नहीं है, बल्कि पॉलीहाउस या एक छोटे से कमरे में भी तकनीकों की मदद केसर उगा सकते हैं. आज हरियाणा के दो युवा भी अपने घर पर लैब बनाकर केसर की खेती कर रहे हैं और सालाना 10-12 लाख का मुनाफा कमा रहे हैं. दुनियाभर में केसर की मांग है और ये मसाला कभी खराब भी नहीं, इसलिए इसकी स्टोरेज और बिक्री में भी आसानी रहती है.

मशरूम
बाकी सब्जियों के मुकाबले मशरूम आसानी से उगने वाली फसल है. इसे कैश क्रॉप भी कहते हैं, क्योंकि इसके लिए खेत-खलिहानों की जरूरत नहीं, बल्कि एक कमरे, झोंपडी या शेड़ डालकर भी ये सब्जी उगाई जा सकती है. शहरों में इसकी बढ़ती मांग के चलते आसानी से मुनाफा भी हो जाता है. मशरूम को उगने में सिर्फ 5 सप्ताह का समय लगता है, जब मार्केटिंग का समय आता है तो ये फसल भी हाथोंहाथ बिकती है. मशरूम की कई वैरायटी ऐसी भी हैं, जिनमें औषधीय गुण मौजूद होते हैं. इन किस्मों को ज्यादा लोग नहीं उगाते, इसलिए किसानों को इनकी खेती की तरफ रुख करना चाहिए. खासकर, जिन किसानों के पास सिर्फ 1 से 2 एकड़ जमीन है, वो मशरूम की खेती कर कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. साथ में दूसरी सब्जियों की खेती भी कर सकते हैं.

लैवेंडर
क्या आप जानते हैं कि एक कनाल खेत में लैवेंडर उगाकर 15,000 रुपये कमा सकते हैं यानी एक एकड़ से 1,20,000 तक का मुनाफा. जी हां, आज लैवेंडर की खेती को बढ़ावा देने के लिए अरोमा मिशन भी चलाया जा रहा है. लैवेंडर की खुशबू और इसमें मौजूद औषधीय गुणों के चलते लैवेंडर की काफी मांग है. रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजों तक में लैवेंडर का प्रयोग हो रहा है. लैवेंडर की कमर्शियल या कांट्रेक्ट फार्मिंग करके मार्केटिंग की चिंता भी खत्म हो जाती है. ये फूल सूखा और ताजा दोनों रूप में बिकता है, जिससे तेल निकालकर ब्यूटी प्रॉडक्ट्स और हर्बल मेडिसिन्स बनाई जा रही है. लैवेंडर का सिर्फ एक ही बुकेट 12,000 रुपये का बिकता है. इस फसल को उगाना भी आसान है. ना तो ज्यादा पानी लगता है और ना ही फर्टिलाइजर. इस फसल में बीमारियां भी नहीं लगतीं. बस शुरुआती 2 साल में लैवेंडर का कोई प्रॉडक्शन नहीं मिलता. इसके बाद 10 साल तक मोटा मुनाफा तय है. ये एक तेजी से बढ़ने वाली फसल है, जिसकी खेती के लिए मिट्टी और जलवायु का सही होना जरूरी है. भारत में अरोमा मिशन के तहत लैवेंडर की खेती के लिए ट्रेनिंग और सब्सिजी भी दी जाती है.

माइक्रो ग्रीन्स
क्या आप जानते हैं माइक्रो ग्रीन्स क्या है. एक ऐसी चीज, जिसकी विदेशों में भारी डिमांड है. भारत में भी ज्यादातर खिलाड़ी और सेलेब्रिटीज अच्छी सेहत के लिए माइक्रो ग्रीन्स खाते हैं. ये हमारे शरीर में सभी न्यूट्रिएंट्स यानी पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है. सिर्फ 2 से 3 सप्ताह में तैयार होने वाली ये फसल मोटा मुनाफा देती है. दरअसल माइक्रो ग्रीन्स बीज सभी फसलों का छोटा रूप होते हैं. इसे अनाजों से लेकर सब्जी, दाल, तिलहन, फूल आदि के बीजों से उगाते हैं, जब पौधे 3 से 4 सप्ताह के हो जाते हैं तो इनका सेवन करते हैं. इन छोटे पौधों में सबसे ज्यादा पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाते हैं, बीमारियों को दूर करते हैं और शरीर को स्वस्थ बनाते हैं. आने वाले समय में भारत में भी माइक्रो ग्रीन्स की डिमांड बढ़ने लगेगी, क्योंकि अब लोग अपनी सेहत को लेकर सजग हो रहे हैं. ऐसे में माइक्रो ग्रीन्स की खेती करना फायदेमंद साबित हो सकता है.

कॉफी 
दुनिया की एक बड़ी आबादी कॉफी की शौकीन है. दिनभर काम करते रहने और अलर्ट रहने के लिए कैफीन के रूप कॉफी का सेवन बढ़ रहा है. कॉफी की डिमांड बढ़ती जा रही है और भारत इसका बड़ा उत्पादन और निर्यातक देश है. भारत की केंट कॉफी से लेकर अरेबिक कॉफी को लोग काफी पंसद कर रहे हैं. ऐसे में सिर्फ एक बार कॉफी के बाग लगाकर सालोंसाल मुनाफा कमा सकते हैं. कॉफी की खेती छायादार इलाकों में की जाती है यानी साथ में फलों के पेड़ भी लगा सकते हैं, जिससे आमदनी दोगुनी और मुनाफा चार गुना हो जाएगा. भविष्य में कॉफी की डिमांड और भी बढ़ेगी, इसलिए इसकी खेती के साथ-साथ प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाएं, जिससे ज्यादा फायदा हो. अब सरकार भी देश में कॉफी की खेती और प्रोसेसिंग को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए किसानों  को आर्थिक मदद और ट्रेनिंग भी दी जाती है. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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