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Grapes Farming: लाखों रुपये का मुनाफा कमाना है, तो अंगूर की खेती में ये ट्रिक आजमा कर देखिए
अंगूर की खेती मोटे मुनाफे की खेती है. किसान लाल, हरे और काले अंगूर की मिश्रित बुआई कर लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं. बुआई के वक्त अंगूर की अच्छी प्रजाति का चयन जरूरी है.
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Grapes Farming In India: अंगूर लोगोें का पसंदीदा फल होता है. खटटे-मीठे टेस्ट के कारण लोग इसे बड़े चाव से खाना पसंद करते हैं. घर में बच्चे, बूढ़े, युवा सभी अंगूर के शौकीन होते हैं. विटामिन सी व अन्य पोषक तत्व अधिक होने के कारण यह फल इम्यूनिटी बूस्टर का भी काम करता है. जितना फल यह खाने में फायदेमंद हैं. उतना ही अधिक मुनाफे वाला भी हैं. यदि किसान तकनीक और सूझबूझ से अंगूर की खेती करें तो लाखों रुपये का मुनापफा कमाया जा सकता है.
हरे, लाल, काले अंगूर की करें मिश्रित खेती
हर कोई व्यक्ति फसलों से अधिक मुनाफा कमाना चाहता है. यदि आप भी अंगूर की खेती से पैसा कमाना चाहते हैं तो इसके लिए थोड़ी सूझबूझ आजमाने की जरूरत है. एक्सपर्ट का कहना है कि अंगूर से पैसा कमाना है तो मिश्रित खेती पर जोर देना चाहिए. हरा, लाल और काले अंगूर की एक साथ खेती की जा सकती है. किसान तीनों की खेती के एक साथ कर लाखों रुपये का प्रॉफिट कमा सकते हैं. बाजार में डिमांड के आधार पर हरे, लाल या काले अंगूर की सप्लाई की जा सकती है.
काले अंगूर का है बड़ा मार्केट
वैसे तो बाजार मेें हरे, लाल और काले तीनों तरह के अंगूर बिकते हुए दिख जाएंगे. सभी तरह के अंगूर लोग खरीदते भी हैं. लेकिन मार्केट की स्थिति देखें तो काला अंगूर अधिक लोग खाना पसंद करते हैं. शादी, ब्याह व अन्य फंक्शन में भी काले अंगूर को लोग खरीदते हैं. इसलिए बाजार में डिमांड देखते हुए ही अंगूर की पैदावार की जाए.
अच्छी प्रजाति के बीजों की करें बुआईं
किसानों को अंगूर की खेती करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि जिस बीज को खरीद रहे हैं. वह क्वालिटी परक है या नहीं. बेहतर स्वाद, रसभरा अंगूर है तो लोग अधिक खरीदते हैं. अंगूर में खटटापन अधिक नहीं होना चाहिए. क्षेत्र के हिसाब से भी अंगूर की अलग अलग प्रजातियां होती हैं. उसी आधार पर उसकी बुआई करें. किसान आमतौर पर जल्दी पैदावार वाले अंगूर के बीजों को पसंद करते हैं. अंगूर जल्द पकने पर किसान जल्दी से तोड़कर बाजार में बेच देता है. अच्छा प्रॉपिफट भी कमा लेता है. अंगूर की अच्छी प्रजातियों में परलेट और पूसा सीडलेस शामिल हैं.
कितना हो जाता है प्रॉडक्शन
बेलों से अंगूर की तोड़ाई तभी करनी चाहिए. जब वह पक गया हो. कच्चे अंगूर के खरीदार बाजार में नहीं मिलते हैं. उत्पादन सही हो, कीटनाशक व अन्य दवा छिडऋकाव का ध्यान रखा जाए तो 3 साल में पैदावार मिलनी शुरू हो जाती है. 20 से 30 साल तक किसान फल प्राप्त करते रहते हैं. परलेट किस्म के 14 से15 साल के बगीचे से 30 से 35 टन अंगूर पैदा हो जाता है. पूसा सीडलेस से 15 से 20 टन प्रति हेक्टेयर तक अंगूर मिल जाता है.
नासिक में होती है देश की 70 प्रतिशत खेती
देश में अंगूर की खेती सबसे ज्यादा खेती महाराष्ट्र में होती है. अकेले नासिक में इसका उत्पादन 70 प्रतिशत होता है. इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी इसकी पैदावार की जाती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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