Brahma Kamal Flower: कभी हिमालय की वादियों में प्रकट हुआ ब्रह्म कमल, आज किसानों के लिये बन रहा है आमदनी का जरिया
Brahma Kamal Farming: पहले ये फूल सिर्फ हिमालय की वादियों में साल में एक बार ही उगता था, लेकिन आज देवभूमि उत्तराखंड में इसकी बडे पैमाने पर व्यावसायिक खेती हो रही है.
Commercial Farming of Brahma Kamal: भारत को औषधीय फसलों (Medicinal Plant Cultivation) की खेती का केंद्र मानते हैं. यहां न सिर्फ प्राकृतिक औषधियों (Natural Herbs) को कृतिम रूप से उगाया जाता है, बल्कि आयुर्वेदिक विधियों (Ayurveda) से इन जड़ी-बूटियों से दवायें भी बनाई जाती है, जो बड़ी से बड़ी बीमारियां आसानी से निपटा देती है. इनमें से कई औषधीयों का उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में भी मिलता है. हम बात कर रहें है ब्रह्म कमल (Brahma Kamal) के बारे में, जिसे साक्षात ब्रह्मा जी और माता सरस्वती का स्थान माना जाता है.
ब्रह्म कमल फूल (Brahma Kamal Flower) का हिंदू ग्रंथों से लेकर खेती-किसानी में बड़ा महत्व है. पहले ये फूल सिर्फ हिमालय (Himalaya Mountain) की वादियों में साल में एक बार ही उगता था, लेकिन आज देवभूमि उत्तराखंड (Devbhoomi Uttrakhand) में इसकी बडे पैमाने पर व्यावसायिक खेती (Commercial Farming of Brahma Kamal) हो रही है.
ब्रह्म कमल की खेती (Commercial farming of Brahma Kamal Flower)
दुनियाभर में ब्रह्म कमल की 210 प्रजातियां पाई जाती है, जिसमें अकेले भारत में इसकी 24 प्रजातियां मौजूद है. आश्चर्य की बात तो ये है कि साधारण कमल का फूल सिर्फ पानी में खिलता है, लेकिन ब्रह्म कमल पानी में नहीं बल्कि पेड़ों पर उगता है.
- जुलाई से सितबंर के बीच ब्रह्म कमल के फूल खिलते हैं और सिर्फ रात में ही उगने के कारण कई लोग इसे रात रानी भी कहते हैं.
- जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के कई इलाकों में ये औषधीय फूल बहुतायत में पाये जाते हैं, लेकिन हिंदू धर्म और औषधीय कारणों से इसकी मांग बढ़ रही है.
- यही कारण है कि ,सही जलवायु और मिट्टी उपलब्ध होने के कारण के उत्तराखंड के किसान भी इसकी व्यावसायिक खेती करने लगे हैं.
- मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उत्तराखंड के किसान इसकी व्यावसायिक खेती करके अच्छी आमदनी ले रहे हैं. बाजार में भी ये फूल 500 से 1000 रुपये की कीमत पर बेचा जा रहा है.
- इतना ही नहीं, ब्रह्म कमल की तेज खुशबू के कारण उत्तराखंड में इसे पद्म नाम से जानते हैं. ब्रह्म कमल को उत्तराखंड के राजकीय पुष्प की उपाधि भी मिली हुई है.
संजीवनी से कम नहीं ब्रह्म कमल (Herbal Properties of Brahma Kamal)
आयुर्वेद के साथ-साथ तिब्बतीय चिकित्सा में ब्रह्मकमल फूल का विशेष महत्व है. वहां भी इसे जड़ी-बूटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जिससे पुरानी खांसी, लिवर की सूजन और और शरीर में खून बढ़ाने के लिये प्रयोग किया जाता है. हिंदू मान्यताओं में भी ब्रह्म कमल का काफी महत्व है, जिससे भगवान शिव और भगवान जगन्नाथ की पूजा की जाती है.
घर पर लगायें ब्रह्म कमल (Home Gardening of Brahma Kamal)
ब्रह्म कमल एक बेहद खुशबूदार फूल है, जिसकी महक काफी दूरी तक फैलती है. शहरों में बागवानी का शौक रखने वाले घर पर लोग ब्रह्म कमल (Brahma Kamal Flower) उगा सकते हैं. इसके पौधे या बीज किसी नर्सरी या ऑनलाइन माध्यमों से प्राप्त किये जा सकते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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