Kashmiri Apple Market: बेहद सस्ता हुआ सेब, दाम में 30 फीसद की गिरावट, खरीदने से पहले जानिए वजह?
बाजार में प्रति किलोग्राम सेब बहुत सस्ता हो गया है. कश्मीरी में सेब के दाम कई वजहें से गिरे हैं. दिल्ली समेत अन्य स्टेट मार्केट में सेब 25 से 30 रुपये किलो बिक रहा है
Apple Market In India: एक सेब रोज खाने से बीमारी कभी पास नहीं फटकती. यह कहावत सेब के उसके औषधीय गुणों के बारे में बताती है. इन्हीं गुणों के कारण सेब फलों में राजा होता है और उसके कद के हिसाब से ही उसकी बाजार में कीमत होती है. कीमत अधिक होने के कारण अधिकांश लोग सेब नहीं खरीद पाते. कुछ खरीदना चाहते भी हैं तो वह या तो कम खा पाते हैं. या पिफर पॉकेट का ख्याल सेब खरीद ही नहीं पाते. लेकिन इस समय सेब का सीजन चल रहा है. कमजोर पॉकेट वाले लोग अब उसी सेब के खाने के शौक को पूरा कर सकते हैं.
दरअसल, इस समय सेब बाजार में आलू से भी कम दामों में मिल रहा है. अंदाजा लगा सकते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस साल सेब के दाम में 30 फीसद की गिरावट है. जानकारों का कहना है कि इस साल सेब बाजार में आलू से भी सस्ता बिक रहा है.
इन वजहों से सस्ता हुआ सेब
सेब मार्केट के जानकारों का कहना है कि इस साल सेब के दाम गिरने के पीछे कुछ वजहें हैं. इस साल सेब का उत्पादन बंपर है, लेकिन पैकेजिंग और ट्रांसपोर्टेशन का खर्च लगभग दोगुना तक बढ़ गया है. यदि डिमांड अधिक होगी और सप्लाई कम तो रेट बढ़ जाएंगे और यदि डिमांड कम है और सप्लाई अधिक तो किसी भी वस्तु की कीमत गिरना नेचुरल है. यही हाल सेबों का हुआ है. बंपर उत्पादन के कारण डिमांड से अधिक सेब भारत के अलग अलग स्टेट में भेजा जा रहा हैै.
सेब की खपत जल्द न होने पर वह सड़ना शुरू हो जाएगा. इसलिए उसके दाम भी सस्ते कर दिए गए हैं. साथ ही श्रीनगर-जम्मू कश्मीर नेशनल हाइवे बार बार बंद होने के कारण सेबों से भरे वाहन वहां पफंसे रहे. इससे भी सेब खराब हो गया. अब दिल्ली समेत अन्य स्टेट की मार्केट में अंधाधुंध सेब जा रहा है. इसी कारण दाम कम हैं. बाजार में जहां आलू 160 रुपये का पांच किलोग्राम है तो वहीं, सेब 150 रुपये से भी कम दाम में 5 किलो मिल रहा है.
कश्मीर में होता है 75 प्रतिशत सेब
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में सेब का सबसे बड़ा बाजार कश्मीर है. वहां कुल सेब का 75 प्रतिशत होता है. जम्मू और कश्मीर की जीडीपी में सेब उत्पादन की भूमिका 8.2 परसेंट है. अभी कश्मीर से जो सेब आ रहे हैं. उनकी कीमतें साल 2021 की तुलना में 30 परसेंट कम है. दाम घटने से सेब किसानों को बहुत अधिक नुकसान हो रहा है.
500 रुपये खर्चा, 400 मिल रहे
कश्मीरी सेब उत्पादन से लोगों को तो सस्ता सेब मिल रहा हैै. लेकिन सेब कारोबारियों को इसका सबसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सेब की पैकेजिंग, ढुलाई, कीटनाशक और उर्वरक आदि को मिलाने पर एक बक्से पर 500 रुपये खर्चा आ जाता है, जबकि यह बिक 400 रुपये में ही रहा है. इस तरह 100 रुपये प्रति बक्से का घाटा कारोबारियों को उठाना पड़ रहा है. सेब कारोबार 10 हजार से 15 हजार करोड़ तक है. यहां 21 लाख मीट्रिक टन सेब का उत्पादन 1.45 लाख हेक्येटर क्षेत्र में होता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.