वोटर लिस्ट में खोट या सिर्फ राजनीति के लिए चोट?
बिहार में चुनाव से पहले वोटर लिस्ट को लेकर राजनीति में जबर्दस्त तनाव है। हर दिन के साथ ये विवाद बढ़ता नजर आ रहा है...विपक्ष को चुनाव आयोग की प्रक्रिया में खोट नजर आ रहा है, आज एक बार फिर बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव मीडिया के सामने आए और कई आरोप लगाए। तेजस्वी का कहना है कि चुनाव आयोग बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा है, विपक्ष के वोट काटे जा रहे हैं, तेजस्वी ने यहां तक कह दिया कि जब वो राहुल गांधी के साथ 17 अगस्त से यात्रा पर निकलेंगे तब जनता का मूड देखकर तय करेंगे कि चुनाव लड़ना है कि नहीं। सिर्फ तेजस्वी ही नहीं पूरा विपक्ष वोटर लिस्ट के बहाने चुनाव आयोग और बीजेपी को घेर रहा है। वहीं बीजेपी कह रही है कि बिहार में विपक्ष को पहले ही हार दिख रही है इसलिए चुनाव आयोग पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। अगर गैरकानूनी वोटर का नाम हट रहा है तो इसमें दिक्कत क्या है, पक्ष -विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप के बीच सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे को लेकर आज भी सुनवाई हुई है, सुनवाई के दौरान विपक्ष की दलील है कि आखिर चुनाव आयोग को इतनी हड़बड़ी क्यों है, चुनाव आयोग ने मनमाने तरीके से लोगों को वोटर लिस्ट से बाहर कर दिया है आरोप-प्रत्यारोप के बीच सच ये है कि अभी सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में वोटर लिस्ट के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं दिया है, न ही प्रक्रिया पर किसी तरह की रोक लगाई है, अब सवाल ये है कि जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है फिर इस लड़ाई का क्या मतलब है, क्या वोट की चोरी के आरोप में दम है या ये विपक्ष सिर्फ सीनाजोरी कर रहा है?

























