Sansani: विधवा की 'सुहागरात' का शैतान !
रिश्तों की दुनिया भरोसे की बुनियाद पर खडी होती है.....और जब ये भरोसा टूटता है उसका अंजाम कुछ भी हो सकता है.....सनसनी में आज दास्तान रिश्तों के एक ऐसे ही धोखे की....सुहागरात के कातिल की..पति की मौत के बाद वो विधवा हो गई थी.....जिंदगी तन्हाईयों में डूब गई थी....और उसी तन्हाई में प्यार के वादों के साथ दूसरी सुहागरात के सपने जगाकर वो आया था....कहानी रेवाडी की रहने वाली एक विधवा महक की है...वही महक जिसने पति की मौत के बाद मनीष नाम के एक शख्स के साथ दोस्ती की थी...और उसी को अपना नया हमसफर मान लिया था....महक और मनीष दोनों ने एक दूसरे शादी नहीं की थी....लेकिन इसके बाद भी वो पति-पत्नी की तरह साथ रहने लगे थे....मनीष ने महक से वादा किया था कि वो बहुत जल्द उससे शादी कर लेगा....लेकिन इससे पहले कि वो शुभ घ़डी आती मनीष बन गया दरिंदा....मनीष ने चाकू से महक पर हमला कर दिया....पहला हमला गले पर....और फिर दूसरे हमले में उसने महक के हाथों की उंगलियां काट डाली





































