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Transparent wood: लकड़ी से बनेगी स्मार्टफोन की स्क्रीन, प्लास्टिक से भी ज्यादा होगी मजबूत, यहां चल रही टेस्टिंग
Mobile screen by wood: आने वाले समय में आपके मोबाइल फोन पर लगी स्क्रीन लकड़ी की बनी हो सकती है. ये लाइन पढ़ने पर आपको यकीन नहीं हो रहा होगा लेकिन नीचे डिटेल जानने के बाद आपको यकीन होने लगेगा.
![Transparent wood: लकड़ी से बनेगी स्मार्टफोन की स्क्रीन, प्लास्टिक से भी ज्यादा होगी मजबूत, यहां चल रही टेस्टिंग Transparent wood your smartphone screen could be made out of it Transparent wood: लकड़ी से बनेगी स्मार्टफोन की स्क्रीन, प्लास्टिक से भी ज्यादा होगी मजबूत, यहां चल रही टेस्टिंग](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/06/b5f760dbd8d0d256758bfd599c3725321704531716280601_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
वर्तमान में जितने भी मोबाइल फोन्स हम सब के बीच हैं उनकी स्क्रीन ग्लास/कांच या प्लास्टिक से बनी होती है. स्मार्टफोन स्क्रीन का एक बहुत बड़ा मार्किट है जो बढ़ते स्मार्टफोन डिमांड के चलते और एक्सपैंड हो रहा है. इस इंडस्ट्री में नए इनोवेशन भी हो रहे हैं. आने वाले समय में आपको लकड़ी के बने डिस्प्ले मोबाइल फोन्स पर देखने को मिल सकते हैं. दरअसल, रिसर्चर्स ट्रांसपेरेंट वूड पर काम कर रहे हैं जो ग्लास और प्लास्टिक की जगह ले सकता है.
बता दें, लंबे समय से रिसर्चर्स ट्रांसपेरेंट वूड पर काम कर रहे हैं. साइंटिफिक अमेरिकन की एक रिपोर्ट में स्वीडन के केटीएच रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के रिसर्चर लार्स बर्गलुंड और मैरीलैंड विश्वविद्यालय (यूएम) के रिसर्चर्स का ट्रांसपेरेंट वूड पर किये गए काम का विवरण दिया गया है. रिसर्चर्स का मानना है कि वर्षों की मेहनत भविष्य में ग्लास और प्लास्टिक के बदले ट्रांसपेरेंट वूड के रूप में दिखाई देगी और इसका इस्तेमाल स्क्रीन बनाने के लिए किया जा सकेगा.
लकड़ी से कैसे बना लिया ग्लास?
अगर आप सोच रहे हैं कि कैसे रिसर्चर्स ने लकड़ी से ग्लास बना दिया तो इसके लिए हम एक तस्वीर यहां जोड़ रहे हैं. दरअसल, लकड़ी को एक ट्रांसपेरेंट ग्लास बनाने के लिए रिसर्चर्स ने Lignin नाम के सब्सटेंस को मॉडिफाई और रिमूव किया है. लिग्निन एक ग्लू जैसा सब्सटेंस होता है जो ट्यूब जैसे सेल्स को पौधे में पानी और न्यूट्रिएंट्स ले जाने में मदद करता है जिससे पौधा बढ़ता है और पेड़ का रंग भूरा दिखाई देता है. रिसर्चर्स ने इसी Lignin को रिमूव कर ब्राउन कलर को खत्म किया और फिर इपोक्सी रेसिन से इसे ट्रांसपेरेंट बनाया.
लकड़ी से पास हो सकती है 80 से 90% रौशनी
यूएम में बर्गलुंड और प्रमुख वैज्ञानिक लियांगबिंग हू के अनुसार, पारदर्शी लकड़ी की मिलीमीटर-मोटी चादरें 80% से 90% प्रकाश को गुजरने देती हैं. हालांकि जैसे-जैसे शीट एक सेंटीमीटर मोटी होती है तो लाइट ट्रांसमिट कम होने लगती है. यानि थिकनेस के हिसाब से लाइट ट्रांसमिशन कम हो जाता है.
ग्लास से ज्यादा मजबूत होगी लकड़ी
इसके अलावा, रिसर्चर्स ने ये भी चेक किया कि दबाव में लकड़ी कितनी आसानी से टूटती या नहीं. इसके लिए जो टेस्ट किया गया उसमें ये बात निकलर सामने आया कि पारदर्शी लकड़ी प्लेक्सीग्लास से 3 गुना और कांच से 10 गुना अधिक मजबूत है.
क्योकि ये ट्रांसपेरेंट वूड एकदम पतला होता है इसलिए इसे भविष्य में मोबाइल फोन्स की स्क्रीन के लिए एक विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि ट्रांसपेरेंट वूड कांच की तरह एनवीरोनमेंटल फ्रेंडली नहीं है क्योकि इसमें इपोक्सी रेसिन का इस्तेमाल किया जाता है जो पेट्रोलियम से बनने वाला एक प्लास्टिक प्रोडक्ट है.
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