अब AI बता रहा दहेज में मिलना चाहिए घर, कार या गोल्ड, क्या है माजरा, जानिए
DownAI सर्विस शादी डॉट ओआरजी नाम की वेबसाइट पर शुरू की गई है, जो लोकप्रिय मेट्रिमोनियल साइट शादी डॉट कॉम की एक पहल है.

आज के समय में जब लगभग हर काम ऑनलाइन होने लगा है, ऐसे में अब शादी से जुड़ी एक नई ऑनलाइन सर्विस लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है. इस सर्विस का नाम है DownAI, इसका नाम सुनते ही भले ही आपके जहन में कोई हाईटेक ऐप आ रहा होगा, जो लोगों बताएगा कि लड़के को शादी में कितना दहेज मिलना चाहिए. लेकिन रुकिए... माजरा कुछ और ही है और यह जानकर आप चौंक जाएंगे.
दरअसल, यह सर्विस Shadi.org नाम की वेबसाइट पर शुरू की गई है, जो लोकप्रिय मेट्रिमोनियल साइट Shadi.com की एक पहल है. शुरुआत में यह एक आम ऑनलाइन टूल ही नजर आती है, जिसमें आप अपनी उम्र, नौकरी, तनख्वाह और पढ़ाई जैसी जानकारी भरते हैं और उम्मीद करते हैं कि अगली स्क्रीन पर आपको कोई आंकड़ा मिलेगा जैसे घर, कार या सोना!
लेकिन जैसे ही आप ‘कैल्क्युलेट’ बटन दबाते हैं, आपके सामने जो आता है वो हैरान कर देने वाला सच.
असली मकसद, समाज को झकझोरने वाला मैसेज
जैसे ही आप उम्मीद करते हैं कि आपको बताया जाएगा कि 'आपकी कीमत कितनी है', वैसे ही सामने आता है एक मैसेज, जिसमें लिखा होता है पिछले 10 सालों में दहेज के चलते हुई मौतों का आंकड़ा, और उसके नीचे एक और गहरा सवाल, 'अपनी कीमत जानने से पहले यह सोचिए कि लड़की की जिंदगी की क्या कीमत है?'
ये लाइनें सीधे दिल पर असर करती हैं और इस डिजिटल चालाकी के जरिए ये वेबसाइट एक अहम सामाजिक मुद्दे 'दहेज प्रथा' पर लोगों को सोचने पर मजबूर करती है.
AI का नाम लेकर पेश की गई सोशल मुहिम
DownAI नाम पहली नजर में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल जैसा लगता है. खास बात यह है कि ‘दहेज’ को Dowry की जगह DowrAI लिखकर इसे AI सर्विस जैसा रूप दिया गया है. यही चालाकी लोगों को इस प्लेटफॉर्म की ओर खींचती है और फिर जब सच्चाई सामने आती है, तो झटका लगता है ऐसा झटका जो सोचने पर मजबूर करता है.
क्यों है ये पहल खास?
भारत में आज भी दहेज एक बड़ी सामाजिक समस्या है. चाहे कानून बन चुके हों या जागरूकता फैल रही हो, लेकिन इस कुप्रथा की जड़ें आज भी मजबूत हैं. ऐसे में अगर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इस तरह की सोच को चुनौती देने के लिए किया जाए, तो यह वाकई एक काबिल-ए-तारीफ कोशिश है.
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