Varanasi News: पद्मश्री विजेता मोहम्मद शाहिद के पैतृक आवास पर चला बुलडोजर, पत्नी परवीन बोलीं- 'नहीं है कोई आपत्ति'
UP News: वाराणसी में सड़क चौड़ीकरण अभियान के तहत पद्मश्री विजेता और भारतीय हॉकी के पूर्व कप्तान मोहम्मद शाहिद के पैतृक आवास पर बुलडोजर कार्रवाई की गई है.

वाराणसी में इन दिनों सड़क चौड़ीकरण अभियान के तहत एक अतिक्रमण कार्रवाई सुर्खियों में है. इस कार्रवाई के दौरान पद्मश्री विजेता और भारतीय हॉकी के पूर्व कप्तान मोहम्मद शाहिद के पैतृक आवास पर बुलडोजर कार्रवाई की गई है. रविवार के दिन वाराणसी के कचहरी स्थित एक दर्जन से अधिक दुकान मकान पर पीडब्ल्यूडी का बुलडोजर गरजा. पद्मश्री मोहम्मद शाहिद के आवास पर हुए बुलडोजर कार्रवाई को लेकर चर्चा वाराणसी के गली-गली से लेकर राजनीतिक गलियारों तक भी है.
वाराणसी में रविवार के दिन हुई अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एबीपी न्यूज ने पद्मश्री मोहम्मद शाहिद के पत्नी परवीन और बेटे सैफ से बातचीत की. परवीन ने एबीपी लाइव से बातचीत में बताया कि करीब 5 वर्ष पूर्व उन्हें चौड़ीकरण अभियान को लेकर सूचित किया गया था और हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमें इस अभियान से और शासन प्रशासन की इस कार्रवाई से कोई परेशानी नहीं है.
अभियान और कार्रवाई से कोई आपत्ति नहीं- परवीन
परवीन ने कहा कि, शाहिद साहब के 7 भाई और तीन बहने हैं. शाहिद साहब उनके द्वारा ही यह आवास बनवाया गया था. परिवार में भले ही कुछ लोगों ने आपसी मतभेद की वजह से इस कार्रवाई के खिलाफ अपनी बात रखी हो लेकिन हमने शुरू से ही इस अभियान और कार्रवाई के खिलाफ आपत्ति नहीं जताई है.
मोहम्मद शाहिद साहब तो भी न करते मकान देने में परहेज
शाहिद साहब की पत्नी ने कहा कि, मोहम्मद शाहिद साहब भी जब जिंदा थे तो वह कहते थे कि हमारा मकान कभी भी जा सकता है. आज वह रहते भी तो इस मकान को देने में परहेज नहीं करते. इस मकान का खतौनी और अन्य दस्तावेज हमारे पास नहीं था. इसलिए हमें जमीन का पैसा नहीं मिला लेकिन कंस्ट्रक्शन का पैसा 3 लाख दिया गया है. यह जरूरी नहीं कि मोहम्मद शाहिद साहब के परिवार के सभी सदस्यों के लिए सरकार जिम्मेदार हो.
पापा की स्मृतियां उस घर में- सैफ
पैतृक आवास पर बुलडोजर कार्रवाई को लेकर मोहम्मद शाहिद के बेटे सैफ ने कहा कि- वह हमारा पैतृक आवास रहा उसमें हमारी अनेक यादें हैं. लेकिन सरकार के इस अभियान से हमें कोई आपत्ति नहीं है. जिन लोगों ने भी इस पर विरोध जताया है उनका यह अपना विचार होगा. हमें करीब 5 साल पहले ही इस अभियान के बारे में सूचित कर दिया गया था.
Source: IOCL





















