UP Assembly Session: TET और शिक्षक भर्ती एक साथ कराएगा उत्तर शिक्षा सेवा चयन आयोग, पेश हुआ विधेयक
UP Assembly Session यूपी सरकार जल्दी ही राज्य में शिक्षकों की भर्ती करने की योजना बना रही है. यूपी सरकार ने नया भर्ती आयोग बनाने के लिए विधानसभा में उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक 2023 को पेश किया.
UP Assembly Session: राज्य में शिक्षकों की कमी को देखते हुए उत्तर शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESC) जल्दी ही राज्य में बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षकों और अनुदेशकों की भर्ती करने वाला है. इसके साथ आयोग उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UP TET) का भी आयोजन करेगा. परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अभ्यर्थियों का टीईटी पास होना अनिवार्य है. बता दें कि अभी तक यूपी टीईटी को परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज आयोजित कराता रहा है. अब आने वाले समय में UPESC को राज्य में शिक्षकों की भर्ती के साथ-साथ टीईटी आयोजित कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके लिए राज्य सरकार ने मानसून सत्र के दौरान सोमवार को विधानसभा में उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक 2023 को पेश किया.
UPESC अध्यक्ष पद के लिए पात्रता
जानकारी के अनुसार उत्तर शिक्षा सेवा चयन आयोग में एक अध्यक्ष और 12 सदस्य होंगे. यूपीईएससी अध्यक्ष पद किसी ऐसे व्यक्ति को दिया जाएगा, जो किसी विश्वविद्यालय के वर्तमान या पूर्व कुलपति तथा आइएएस अधिकारी जो प्रमुख सचिव पद पर सेवारत हो या रिटायर हुआ हो. इसके अलावा उसे किसी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर 10 सालों तक पढ़ाने का अनुभव हो.
कौन होंगे आयोग के सदस्य
आयोग के 12 सदस्यों में से छह सदस्य शिक्षा के क्षेत्र से होंगे. ऐसे लोगों को आयोग के सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाएगा जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में काम किया हो. इसके अलावा ऐसे आइएएस अधिकारी को सदस्य को तौर पर नियुक्त किया जाएगा जिन्होंने राज्य सरकार में सचिव या इसके समकक्ष पद पर काम किया हो.
इसके अलावा पांच सदस्य, बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत या रिटायर संयुक्त निदेशक लेवल के अधिकारी और व्यावसायिक शिक्षा विभाग में अपर निदेशक स्तर लेवल के सेवारत या रिटायर अधिकारी होंगे. वहीं न्यायिक सेवा से जिला जज लेवल के व्यक्ति को आयोग में एक सदस्य बनाया जाएगा.
UPESC अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल
आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल तीन साल या 65 साल की आयु सीमा तक होगा. आयोग में किसी भी सदस्य को दो बार से ज्यादा अध्यक्ष या सदस्य नहीं बनाया जाएगा. यह आयोग यूपी के राजकीय डिग्री कॉलेज और राजकीय माध्यमिक स्कूलों को छोड़कर बाकी सभी स्तरों के शैक्षिक संस्थानों में शिक्षकों और अनुदेशकों की भर्ती करेगा. जानकारी के अनुसार राजकीय कॉलेजों में उप्र लोक सेवा आयोग के माध्यम से ही भर्ती की जाएगी.
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