यूपी में अब गाड़ियों के कागज के लिए शुरू होगी नई व्यवस्था, गाड़ी मालिक को भी मिलेगी सहूलियत
स्मार्ट कार्ड आरसी से वाहन मालिकों को जो फायदे होंगे वो हैं कि आरसी के गीले होने, कटने-फटने की समस्या समाप्त हो जाएगी. वहीं डिजिटलाइजेशन से भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी.

UP News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार डिजिटल यूपी मिशन के तहत प्रदेश में अब मोटर वाहनों की रेजिस्ट्रेशन बुक चिप से युक्त स्मार्ट कार्ड के रूप में जारी करेगी. इस फैसले से वाहन मालिकों को अपने दस्तावेज संभालने में सहूलियत मिलेगी और सरकारी कामकाज में पारदर्शिता भी आएगी.
स्मार्ट कार्ड आरसी से वाहन मालिकों को जो फायदे होंगे वो हैं कि आरसी के गीले होने, कटने-फटने की समस्या समाप्त हो जाएगी. डुप्लीकेसी रोकने के लिए माइक्रो चिप में डेटा सुरक्षित रहेगा. उच्च गुणवत्ता वाली टिकाऊ आरसी मिलेगी, जिससे दीर्घकालिक उपयोग संभव होगा. पुलिस एवं परिवहन अधिकारियों के लिए जांच प्रक्रिया आसान होगी. वहीं डिजिटलाइजेशन से भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी.
स्मार्ट कार्ड में ऐसे सुरक्षित रहेगा डेटा?
परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि स्मार्ट कार्ड आरसी में दो प्रकार के डेटा संग्रहित होंगे. पहला, भौतिक रूप से दिखने वाला भाग और दूसरा कार्ड रीडर मशीन से पढ़ा जाने वाला भाग. इसमे जो जानकारियां होंगी वो हैं वाहन का पंजीयन नंबर, तिथि और वैधता. चेचिस नंबर, इंजन नंबर, स्वामी का नाम और पता. ईंधन का प्रकार, प्रदूषण मानक, वाहन का मॉडल और रंग, सीटिंग, स्टैंडिंग और स्लीपिंग क्षमता, वजन क्षमता, हॉर्स पावर, व्हील बेस और फाइनेंसर का नाम.
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इस फैसले का क्या होगा असर
मशीन से पढ़े जाने वाले भाग में भी कई विवरण होंगे, इसमें पंजीयन और वाहन स्वामी की पूरी जानकारी होगी. चालान, परमिट और फाइनेंसर से संबंधित डेटा, ट्रेलर/सेमी ट्रेलर अटैच होने की दशा में विवरण, आर्टीकुलेटेड वाहन व रिट्रोफिटमेंट से जुड़ी जानकारी होगी. इससे जांच प्रक्रिया और आसान होने के साथ पारदर्शी भी होगी.
इस निर्णय से परिवहन विभाग और पुलिस की जांच प्रक्रिया को डिजिटल रूप से मजबूत किया जाएगा. कार्ड रीडर के जरिए मौके पर ही आरसी की सत्यता जांची जा सकेगी. कोई भी फर्जीवाड़ा या डुप्लीकेट आरसी बनाना असंभव होगा. डिजिटलीकृत प्रक्रिया से वाहन स्वामियों को लंबी सरकारी प्रक्रियाओं से राहत मिलेगी.
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