UP Politics: CM योगी के दरबार में पहुंचा विधानसभा अध्यक्ष और सांसदों का विवाद, जमकर चल रहा था लेटर वॉर
यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना (Satish Mahana) से बीजेपी के दो सांसद सत्यदेव पचौरी और देवेंद्र सिंह भोले का विवाद अब सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) तक पहुंच चुका है.

UP News: उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) के सर्वांगीण विकास को लेकर बीजेपी (BJP) के दो दिग्गज आमने-सामने आ गए हैं. कानपुर से बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी (Satyadev Pachauri) और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना (Satish Mahana) के बीच लेटर वॉर शुरू है. वहीं अब ये मामला सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) तक पहुंच चुका है.
लेटर वॉर के संबंध में सांसद सत्यदेव पचौरी और सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण से अवगत कराया है. इन दोनों सांसदों के विरोध के बावजूद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कानपुर में समीक्षा बैठक की थी. समीक्षा बैठक में कानपुर के दस में से आठ विधायक शामिल हुए थे. दोनों सांसदों से शुरू हुआ ये विवा अब और बढ़ने की संभावना है.
दोनों सांसदों ने जताया है कड़ा विरोध
वहीं मौजूदा सांसद अपने रुख पर अड़े हुए हैं. उनका कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष को बैठक बुलाने का अधिकार नहीं है. दरअसल, इसकी शुरुआत जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति यानी दिशा की बैठक को लेकर हुई थी. इसका कड़ा विरोध कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी और अकबरपुर लोकसभा से सांसद देवेंद्र सिंह भोले रहे थे.
वहीं कानपुर की महाराजपुर विधानसभा सीट से विधायक सत्यदेव पचौरी ने कानपुर के मंडल आयुक्त डॉ राजशेखर को पत्र में लिख कर कहा था सतीश महाना द्वारा बुलाई गई नियमों से परे है. वहीं इस बैठक को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए. जिसके बाद दोनों ओर से लेटर वॉर शुरू हो गया था.
जानकारों की मानें तो कानपुर में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और बिठूर से विधायक अभिजीत सिंह सांगा की नजर कानपुर और अकबरपुर लोकसभा संसदीय सीटों पर लगी हुई है. वहीं बीजेपी द्वारा तय किए गए उम्र के फार्मूले पर दोनों ही वर्तमान सांसद आगे निकलते हुए दिख रहे हैं. यानी 2024 के लोकसभा चुनाव में दोनों का टिकट कट सकता है.
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