कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए मसीहा बने बांदा के 2 भाई, 40 लाख की लग्जरी कार को बनाया एंबुलेंस
बांदा में दो भाई गूगल कंपनी में नौकरी छोड़कर कोरोना संक्रमित मरीजों की मदद कर रहे हैं. दोनों भाइयों ने अपनी 40 लाख की लग्जरी कार को एंबुलेंस में बदल दिया है.
बांदा. इस समय पूरा देश कोरोना महामारी की दूसरी और खतरनाक लहर की चपेट में है. सरकारी तंत्र भी इस महामारी पर नियंत्रण लगाने में काफी हद तक असक्षम नजर आ रहा है. ऐसे में समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इस संकट की घड़ी में आगे आकर लोगों की जान बचाने में जुटे हैं.
बांदा में ऐसे ही दो युवा भाई कोरोना से पीड़ित लोगों के लिए मसीहा बनकर उनकी हर संभव मदद कर रहे हैं. इन दोनों भाइयों के अंदर सेवा भावना भी ऐसी कि इन्होंने अपनी 40 लाख की लग्जरी कार को एंबुलेंस में तब्दील कर दिया है. इसमें वो जरूरतमंद लोगों को अस्पताल तक पहुंचाते हैं.
अतर्रा कस्बे के रहने वाले वाले सेवानिवृत्त अध्यापक रविकांत शुक्ला के बेटे रोहित शुक्ला और राहुल ने एमबीए किया है. साल 2020 से पहले तक वो दिल्ली में रहते थे और गूगल जैसी कंपनी में नौकरी करते थे. राहुल ने दिल्ली में अपना होटल भी खोला था, लेकिन बीते साल कोरोना की पहली लहर में दोनों भाई बांदा आ गए.
दिल्ली में गूगल में किया काम
बांदा आकर दोनों भाइयों ने कोरोना संक्रमित मरीजों की मदद करने की ठानी. रोहित और राहुल ने सोशल मीडिया के माध्यम से कोरोना पीड़ित मरीजों से संपर्क कर उन्हें मदद पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया. यहां तक कि इन दोनों भाइयों ने अपनी 40 लाख की स्कोडा कार को भी लोगों की मदद के लिए एम्बुलेंस के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. ये दोनों भाई कोरोना संक्रमण के चलते पीड़ित मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयां उनके घर तक पहुंचाते हैं. साथ ही अगर किसी को एम्बुलेंस नही मिलती तो ये अपनी गाड़ी से मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने का काम भी करते हैं. राहुल और रोहित 24 घंटे जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए तैयार रहते हैं. दोनों भाई अब तक लगभग सैकड़ों मरीजों की मदद कर चुके हैं. इनके जज्बे को देखकर अब इनके साथ कस्बे के कुछ और युवक भी जुड़ गए हैं.
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