हलद्वानी: इंटरनेट और मोबाइल के ना होने से बच्चों को पढ़ने में हो रही है दिक्कतें
हलद्वानी में छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई में काफी दिक्कतें आ रही हैं। कई इलाकों में इंटरनेट की धीमी रफ्तार पढ़ाई में बाधा बन रही है।

हलद्वानी, एबीपी गंगा। सरकारी स्कूलों में इंटरनेट और मोबाइल नहीं होने से स्कूली बच्चों को पढ़ने में दिक्कतें आ रही है। लॉकडाउन के चलते जहां प्रदेश में स्कूल बंद हैं, वहीं छात्रों को पढ़ाने के लिए स्कूल ने ऑनलाइन पढ़ाई का सहारा लिया है। लेकिन मोबाइल व इंटरनेट के ना होने से हल्द्वानी के ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को पढ़ने में काफी दिक्कतें हो रही हैं। खास तौर पर वह बच्चे जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं है।
हल्द्वानी में भी सरकारी स्कूल के बच्चे आजकल इंटरनेट से अपनी पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन बच्चों को पढ़ने में दिक्कतें हो रही है। लॉकडाउन के चलते, जहां प्राइवेट स्कूल अपने छात्रों के लिए इंटरनेट के माध्यम से घर में ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं तो वहीं सरकारी स्कूल ने भी इसे शुरू कर दिया है। सरकारी स्कूलों ने अपने स्कूल के बच्चों के लिए इंटरनेट के माध्यम से घर बैठकर पढ़ाई कराने का निर्णय लिया है। जिसमें बच्चों को स्कूल के व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर व्हाट्सएप के माध्यम से बच्चों की पढ़ा रहे हैं।
ऐसे में सबसे बड़ी दिक्कत उन लोगों के लिए आ रही है जिनके पास मोबाइल तो है लेकिन क्षेत्र में इंटरनेट की रफ्तार नहीं है। ऐसे इलाकों में अपने बच्चों को पढ़ाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। वहीं पढ़ाई कर रहे हैं बच्चों ने कहा कि हमारे पास मोबाइल नहीं है जिस वजह से मोबाइल हमको अपने दोस्तों से मांग कर लाना पड़ता है। तब जाकर हम पढ़ाई करते हैं। क्योंकि पढ़ने वाले बच्चे बहुत हैं लेकिन मोबाइल एक ही है जिस वजह से पढ़ाई नहीं हो पाती ऐसे में बच्चों को पढ़ने में काफी दिक्कत हो रही है।
आमदनी नहीं है कहां से कराये रिचार्ज
वही घर की आमदनी कम होने के वजह से परिजन अपने बच्चों को सही से नहीं पढ़ा पा रहे हैं। इन दिनों जो पढ़ाई हो रही है वह इंटरनेट के माध्यम से हो रही है लेकिन लॉकडाउन के चलते इनके परिजनों को कोई काम नहीं मिल पा रहा जिस वजह से यह परिजन मोबाइल पर इंटरनेट पैक नहीं रिचार्ज कर पा रहे हैं। वहीं बच्चों के परिजनों ने कहा कि हमारी आमदनी इतनी नहीं कि हम हर समय इंटरनेट का रिचार्ज करा सकें। वैसे तो पहले मोबाइल नहीं है किसी के पास और जिसके पास मोबाइल भी है उसके पास इंटरनेट नहीं है। इनका कहना है कि हम मजदूर लोग हैं लॉकडाउन में हमारे पास कुछ काम नहीं है जिससे घर में आमदनी भी नहीं है ऐसे में हम अपने बच्चों को कैसे पढ़ाएं। लॉकडाउन के चलते जहां इन दिनों स्कूल बंद हैं। ऐसे में बच्चों को घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से स्कूल की पढ़ाई करवाई जा रहा है, लेकिन नेट नहीं होने से यह बच्चे पढ़ने में असमर्थ हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है जब उनके घर में इंटरनेट की सुविधा ही नहीं है तो बच्चे कैसे पढ़ सकेंगे।Source: IOCL























