यूपी में स्कूलों के विलय पर समाजवादी पार्टी का हल्ला बोल, ग्रेटर नोएडा में किया प्रदर्शन
Noida News: समाजवादी पार्टी की प्रदेश सचिव सुनीता यादव ने कहा कि स्कूलों के विलय के नाम पर उन्हें बंद करना संविधान द्वारा प्रदत्त शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है, सरकार ये फैसला तुरंत वापस ले.

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों के विलय और बंदी के फैसले के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को सूरजपुर स्थित गौतम बुद्ध नगर कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया. सपा नेताओं ने इस फैसले को गरीब, मजदूर, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय बताया और सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना की.
प्रदर्शन के दौरान सपा जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार विलय नीति के माध्यम से प्रदेशभर में हजारों सरकारी स्कूल बंद कर रही है, जिससे गरीब, आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों की शिक्षा पर संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि जब बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की ज़रूरत है, तब स्कूल बंद कर दिए जा रहे हैं, जो कि भविष्य के निर्माण की जगह उसे ध्वस्त करने जैसा है.
शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है
समाजवादी पार्टी की प्रदेश सचिव सुनीता यादव ने कहा कि स्कूलों के विलय के नाम पर उन्हें बंद करना संविधान द्वारा प्रदत्त शिक्षा के अधिकार (Right to Education) का उल्लंघन है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने यह निर्णय वापस नहीं लिया, तो समाजवादी पार्टी छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रदेशव्यापी जन आंदोलन करेगी. शशि यादव के नेतृत्व में नोएडा इकाई ने भी 27,764 स्कूलों के बंद होने के मुद्दे पर जोरदार प्रदर्शन किया, उन्होंने इसे शिक्षा के निजीकरण और आम जनता से शिक्षा छीनने की साजिश करार दिया.
प्रदर्शन में फकीरचंद नागर, वीर सिंह यादव, सुनील भाटी, महेंद्र नागर समेत कई सपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार शिक्षा के अधिकार को कमजोर करने में लगी है, जबकि समाजवादी पार्टी का प्रयास हमेशा सबको सुलभ और समान शिक्षा देना रहा है.
स्कूल बंदी का फैसला वापस ले सरकार
समाजवादी पार्टी की प्रदेश सचिव सुनीता यादव ने ने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार सिर्फ दिखावटी योजनाओं में व्यस्त है, जबकि जमीनी स्तर पर शिक्षा व्यवस्था को लगातार कमजोर किया जा रहा है. सपा नेताओं ने मांग की है कि सरकार तुरंत स्कूल बंदी का फैसला वापस ले और सभी बच्चों को निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में ठोस कदम उठाए.
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