प्रयागराज: हाई कोर्ट से समाजवादी पार्टी सांसद आज़म खान को फौरी राहत, जानिए क्या है मामला
ट्रस्ट की ओर से लगाई गई याचिका में कहा गया कि बोर्ड के पास जब तक कोई पुख्ता सबूत न हों, तब तक ट्रस्ट के कार्य में हस्तक्षेप का उसके पास अधिकार नहीं है.
प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के 20 मार्च के उस आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी ही, जिसमें बोर्ड ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट पर अतिक्रमण व कुप्रबंध के आरोप लगाते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने राज्य सरकार सहित विपक्षियों से दो हफ्ते में जवाब मांगा है.
जस्टिस शशिकान्त गुप्ता और जस्टिस पंकज भाटिया की खंडपीठ के इस आदेश से समाजवादी पार्टी के सांसद आज़म खान को फौरी राहत मिल गई है. दरअसल पूर्व नगर विकास मंत्री आजम खान मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट रामपुर के मुतवल्ली हैं.
मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की ओर से हाई कोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के आदेश को नैसर्गिक न्याय के खिलाफ बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की गई थी.
ट्रस्ट की ओर से लगाई गई याचिका में कहा गया कि बोर्ड के पास जब तक कोई पुख्ता सबूत न हों, तब तक ट्रस्ट के कार्य में हस्तक्षेप का उसके पास अधिकार नहीं है.
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets