हाईकोर्ट का बड़ा कदम: SRN अस्पताल की लापरवाही पर जताई सख्त नाराजगी, सुनवाई आज
Prayagraj News: SRN अस्पताल की बदहाली को लेकर हाईकोर्ट के तेवर बेहद सख्त हैं. इसी कड़ी में आज जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई होगी.

UP News: प्रयागराज स्थित मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से संबद्ध स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल की बदहाली को लेकर हाईकोर्ट के तेवर बेहद सख्त हैं. इसी कड़ी में आज जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई होगी. कोर्ट ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा उत्तर प्रदेश, SRN अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक, डिप्टी SIC, और मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रयागराज को तलब किया है. डॉ. अरविंद गुप्ता की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अस्पताल की दुर्दशा और मेडिकल माफिया के प्रभाव पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है.
हाईकोर्ट ने गुरूवार की सुनवाई में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा के हलफनामे को खारिज करते हुए इसे "आई वाश" करार दिया था. कोर्ट ने कहा कि प्रमुख सचिव ने अस्पताल का दौरा किए बिना वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हलफनामा दाखिल किया जोकि बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है. यही नहीं कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के 42 राजकीय मेडिकल कॉलेजों में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति पर विस्तृत हलफनामा मांगा है. इसके साथ ही, अस्पताल के आसपास अतिक्रमण हटाने के लिए डीएम और नगर आयुक्त को अभियान जारी रखने का निर्देश दिया गया है.
अस्पताल की स्थिति में सुधार के दावे
SRN अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक आर.के. कमल ने कोर्ट को जानकारी दी है कि परिसर की सफाई शुरू कर दी गई है और जल्द ही पूरी हो जाएगी. ICU, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, ट्रॉमा सेंटर, और कार्डियोलॉजी विभाग के खराब एयर कंडीशनरों को ठीक किया गया है और बाकी भी जल्द चालू हो जाएंगे. OPD में डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए हाजिरी रजिस्टर बनाया गया है. उधर CMO ने दावा किया कि पोस्टमार्टम हाउस की स्थिति में सुधार हुआ है वहां पर्याप्त स्टाफ तैनात किया गया है, साथ ही सभी को अप्रैल 2025 तक का वेतन दिया जा चुका है. OPD में बैठने वाले डॉक्टरों की जानकारी जल्द अखबारों में प्रकाशित की जाएगी.
हॉस्टल व बुनियादी सुविधाओं की हालत खस्ता
कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज के हॉस्टलों की बदहाली पर भी चिंता जताई थी और कहा कि ये रहने लायक नहीं हैं. मेडिकल छात्रों को बाहर रहना पड़ रहा है,जबकि ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है. कोर्ट ने सरकार पर मूलभूत सुविधाएं देने में गंभीरता न दिखाने का आरोप लगाया. 2019 में शुरू हुई चिल्ड्रन विंग अभी तक पूरी नहीं हुई है, और पेडियाट्रिक विभाग सरोजिनी नायडू बाल चिकित्सालय में चल रहा है.
मेडिकल सुविधाओं पर चिंता
हाईकोर्ट ने बीते महाकुंभ 2025 में 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं की भीड़ और प्रयागराज में मेडिकल सुविधाओं की कमी पर गहरी चिंता जताई. कोर्ट ने कहा कि सरकार लखनऊ के अस्पतालों पर ध्यान दे रही है, लेकिन धार्मिक केंद्र प्रयागराज की अनदेखी हो रही है. दुनियाभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं अपग्रेड करने की जरूरत है.
AIIMS स्थापना की मांग
इसके साथ ही अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने जानकारी दी कि प्रयागराज में AIIMS स्थापना की मांग वाली जनहित याचिका पर केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें बताया गया है कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत 233 बेड और 7 ऑपरेशन थिएटर वाला सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक मंजूर कर लिया गया है. इस पर कोर्ट ने कहा कि कुछ प्रयास हुए जरुर हैं, लेकिन अभी और काम की जरूरत है.
मेडिकल माफिया का खतरा
कोर्ट ने SRN अस्पताल के ऊपर मेडिकल माफिया के प्रभाव को गंभीर खतरा बताया. जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने कहा कि कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कुछ सुधार हो रहे हैं, जबकि इस मामले में सरकार को फंडिंग और प्रबंधन में को लेकर और गंभीरता दिखानी होगी.
आजआज भी सुनवाई जारी
हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई आज भी जारी रहेगी, जिसमें प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं.
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