UP Politics: बसपा सुप्रीमो के समर्थन में केशव प्रसाद मौर्य! समाजवादी पार्टी को बताया गुंडों की पार्टी
Mayawati News: बसपा प्रमुख मायावती ने संभावित खतरे का हवाला देते हुए लखनऊ में नए कार्यालय का अनुरोध किया है. जिसपर डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार पूर्व सीएम सहित सभी की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.

UP Politics: बसपा सुप्रीमो मायावती ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है. जिसके बाद यूपी की सियासत तेज हो गई है. मायावती ने समाजवादी पार्टी से खतरा बताते हुए बचकर रहने की सलाह दी है. अब इस मामले में बीजेपी नेता भी कूद पड़े हैं. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मायावती की बात से सहमति जताते हुए सपा को गुंडों की पार्टी करार दिया है.
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मायावती बसपा की चीफ और राज्य की पूर्व सीएम भी हैं. राज्य में बीजेपी की सरकार है और हम मायावती के साथ-साथ सबकी सुरक्षा करेंगे. उन्होंने जिस पुल का जिक्र किया वो सपा सरकार के समय बनाया गया था. उन्होंने सपा को लेकर जो कहा सही है. समाजवादी पार्टी गुंडों, अपराधियों, माफियाओं की पार्टी है. इस पार्टी से बचकर रहें.
"हमारे नेताओं ने बचाई मायावती की जान"
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि गेस्ट हाउस कांड में इनकी योजना बहन मायावती की जान लेने की थी. उस समय के हमारे नेताओं ने मायावती को बचाने के लड़ाई लड़ी थी. जब पिछले चुनाव में बसपा ने सपा और कांग्रेस से गठबंधन किया था हमने तब भी कहा था कि सपा गुंडों की पार्टी है. इनसे बचकर रहेंगे तो इससे देश और राज्य का भला होगा. वैसे भी सपा समाप्तवादी बनने वाली है. 2024 में बीजेपी सभी 80 सीटों पर जीत दर्ज करेगी.
बसपा सुप्रीमो ने क्या कुछ कहा?
पूर्व सीएम मायावती ने सोमवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए सपा पर हमला बोला था. उन्होंने कहा कि सपा अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी भी है, हालांकि बीएसपी ने पिछले लोकसभा आमचुनाव में सपा से गठबंधनकरके इनके दलित-विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे को थोड़ा बदलने का प्रयास किया. लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद ही सपा पुनः अपने दलित-विरोधी जातिवादी एजेंडे पर आ गई. अब सपा मुखिया जिससे भी गठबंधन की बात करते हैं उनकी पहली शर्त बसपा से दूरी बनाए रखने की होती है, जिसे मीडिया भी खूब प्रचारित करता है.
उन्होंने आगे कहा कि वैसे भी सपा के 2 जून 1995 सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए व इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिये गये हैं. जिनमें बीएसपी यूपी स्टेट ऑफिस के पास ऊंचा पुल बनाने का कृत्य भी है जहां से षड्यन्त्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों व राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुंचा सकते हैं जिसकी वजह से पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहां से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा.
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Source: IOCL





















