CAA पर केरल के राज्यपाल बोले- 'ये 1947 का वादा.. महात्मा गांधी से मनमोहन सिंह ने भी की बात
CAA Rules Notification: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद यूपी के बुलंदशहर पहुंचे थे, जहां उन्होंने सीएए को लेकर खुलकर की बात की और कहा कि ये तो आजादी के समय ही वादा किया गया था.
Citizenship Amendment Act: केंद्र सरकार ने देश में सीएए को लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जिसे लेकर सियासत तेज हो गई है. केरल और पश्चिम बंगाल सरकार ने इसे लागू करने से मना कर दिया है. जिस पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद की प्रतिक्रिया आई है.
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद यूपी के बुलंदशहर पहुंचे थे, जहां उन्होंने सीएए को लेकर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि इस क़ानून को लेकर देश की आजादी के बाद से ही बात होती रही है. महात्मा गांधी से लेकर डॉ मनमोहन सिंह तक सभी ने इसके बारे में बात की है.
सीएए पर क्या बोले आरिफ मोहम्मद
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने कहा, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में सीएए लागू नहीं होने पर कहा कि, 'जो भी कुछ कहा जा रहा है वो राजनीति के तहत कहा जा रहा है. मैं तो इतना कहूंगा कि सीएए को लेकर महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना आजाद, राजेंद्र प्रसाद से लेकर मनमोहन सिंह तक ने बात की.
उन्होंने कहा कि आजादी के समय ये वादा किया गया था, 1947 में कि जो लोग पाकिस्तान की तरफ रह गए या कुछ लोगों को जबरदस्ती रोका गया.. जिन लोगों के साथ इस वजह से अत्याचार होता है कि वो कहां और किस संप्रदाय में पैदा हुए. उनका दर्जा तो दूसरे से भी नीचे चला गया है. ये महात्मा गांधी जी के द्वारा किया गया वादा है और उनके बाद भी हर किसी ने इसे दोहराया है.
दरअसल सीएए के क़ानून के तहत भारत के तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान से आए गैर मुस्लिम लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है. इनमें हिन्दू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी समेत अन्य समुदाय के लोग शामिल हैं. लेकिन बंगाल और केरल सरकार ने इसे लागू करने से इनकार कर दिया है.
विपक्षी दलों का आरोप है कि इस कानून में मुस्लिमों के साथ भेदभाव किया गया है. केरल और बंगाल सरकार का कहना है कि अगर सीएए या एनआरसी से किसी नागरिकता को छीनने की कोशिश की जाती है तो हम इसे लागू नहीं होने देंगे.
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