पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के ठिकानों पर ईडी की रेड, सपा नेताओं ने की कार्रवाई की निंदा
UP News: पूर्व विधायक और सपा के राष्ट्रीय सचिव विनय शंकर तिवारी के गोरखपुर, लखनऊ, मुंबई सहित दस जगहों पर ईडी ने सोमवार की सुबह छापेमारी की. सपा नेताओं ने कार्रवाई की निंदा की है.

ED Raid In SP Leader Vinay Shankar Tiwari: यूपी में चिल्लूपार सीट से पूर्व विधायक और सपा के राष्ट्रीय सचिव विनय शंकर तिवारी के गोरखपुर, लखनऊ, मुंबई सहित दस जगहों पर ईडी ने सोमवार की सुबह छापेमारी की. गोरखपुर में चली 6.30 घंटे की कार्रवाई के दौरान विनय शंकर तिवारी गोरखपुर स्थित ‘तिवारी हाता’ कहे जाने वाले आवास पर मौजूद नहीं थे. उनके बड़े भाई संतकबीरनगर के पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी ने इस सरकार के ऊपर सरकारी तंत्र और मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया है.
उन्होंने इसे द्वेषपूर्ण कार्रवाई बताते हुए कहा कि जब मामला कोर्ट में लंबित हैं, तो ऐसे में इस तरह की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित नहीं तो और क्या कहा जाए. विनय शंकर पर बैंक के डिफाल्टर होने का आरोप है. इस मामले में लगातार उनके ऊपर शिकंजा कसता जा रहा है. वे पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवंगत हरिशंकर तिवारी के पुत्र हैं.
पूर्व विधायक के 8-10 ठिकानों पर ईडी की रेड
गोरखपुर के जटाशंकर स्थित ‘तिवारी हाता’ में सोमवार 7 अप्रैल की सुबह 6 बजे ईडी पहुंची. देश के 8 से 10 आवास और प्रतिष्ठानों पर एक साथ ईडी ने छापेमारी की कार्रवाई की है. गोरखपुर में ये कार्रवाई सुबह 6 बजे से शुरू हुई, जो दोपहर 12:30 बजे तक चली. ईडी की टीम ने इस दौरान विभिन्न दस्तावेजों और फाइलों को खंगाला और इसके साथ ही फोटो प्रिंटर मंगाकर दस्तावेजों की प्रतियां निकालकर अपने साथ भी ले गई. बताया जा रहा है कि इस दौरान चाभी बनाने वाले को भी बुलाया गया था. जिससे जिन अलमारियों और संदूकों की चाभी नहीं मिल रही हो, उसकी डुप्लीकेट चाभी बनवाकर उसकी जांच की जा सके.
पूर्व विधायक के भाई ने की कार्रवाई की निंदा
सपा के राष्ट्रीय सचिव विनय शंकर तिवारी के बड़े भाई और संतकबीरनगर के पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी ने बताया कि कार्रवाई के दौरान ईडी की टीम ने पूरे घर को खंगाला. हालांकि उनके हाथ कुछ नहीं लगा. इस कार्रवाई को द्वेषपूर्ण बताते हुए इसकी निंदा की है. उन्होंने सरकार पर विपक्ष में रहने की वजह से करवाई का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में है. ऐसे में सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करना ठीक नहीं है. वे नवरात्रि का व्रत थे और अभी तक पारण नहीं कर पाए हैं. ये कार्रवाई पूरी तरह से निंदनीय है. विपक्ष की राजनीति करने का ये मतलब तो नहीं है, कि उनकी प्रताड़ना की जाए. प्रजातंत्र में ये निंदनीय है. सरकार के द्वारा इससे ज्यादा प्रताड़ना क्या हो सकती है. इसे गरिमा के अनुरूप नहीं कहा जा सकता है. इसके खिलाफ वे आवाज बुलंद करेंगे. जनप्रतिनिधि नहीं बख्शे जा रहे हैं, तो आम लोगों का क्या होगा.
'विपक्षी नेताओं को परेशान कर रही सरकार'
सपा प्रवक्ता कीर्ति निधि पाण्डेय ने कहा कि जबसे लगातार भाजपा की सरकार केन्द्र और राज्य में बनी है. तभी से सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स की कार्रवाई हो रही है. विपक्षी दलों के बड़े नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें परेशान करने के साथ बदनाम करने की साजिश सरकार कर रही है. देश की जनता को ये जानने की जरूरत है कि ऐसी कार्रवाई में रिजल्ट आ नहीं रहे हैं. जैसे-जैसे चुनाव करीब आएगा, ये कार्रवाई बढ़ती जा रही है. इस कार्रवाई के खिलाफ सदन में भी आवाज बुलंद करते चले आ रहे हैं. वे विपक्ष के नेताओं को परेशान कर लगातार इस तरह उन्हें बदनाम कर रहे हैं.
बता दें, ईडी की जांच में सामने आया था कि मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने प्रमोटरों, निदेशकों, गारंटरों के साथ मिलकर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाओं का लाभ लिया था. इस रकम को बाद में उन्होंने अन्य कंपनियों में डायवर्ट कर दिया और बैंकों की रकम को वापस नहीं किया, इससे बैंकों के कंसोर्टियम को करीब 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था
पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की 72.08 करोड़ रुपये की संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नवंबर 2023 में जब्त कर दिया था. ईडी ने यह कार्रवाई विनय तिवारी की कंपनी गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा बैंकों के कंसोर्टियम का करीब 1129.44 करोड़ रुपए हड़पने के मामले में की थी. बैंकों की शिकायत पर सीबीआई मुख्यालय ने केस दर्ज किया था. इसके बाद ईडी ने भी विनय तिवारी समेत कंपनी के समस्त निदेशक, प्रमोटर और गारंटर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. साल 2023 में राजधानी स्थित ईडी के जोनल कार्यालय ने विनय शंकर तिवारी की गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ स्थित कुल 27 संपत्तियों को जब्त किया था. इसमें कृषि योग्य भूमि, व्यावसायिक कांप्लेक्स, आवासीय परिसर, आवासीय भूखंड आदि शामिल हैं.
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Source: IOCL





















