Lok Sabha Election 2024: 'कांग्रेस पार्टी पूरी तरह नीति विहीन', पूर्व सांसद राजेश मिश्रा ने दिखाए बगावती तेवर
UP Lok Sabha Chunav 2024: कांग्रेस के पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्रा ने सपा-कांग्रेस गठबंधन पर कहा कि 17 सीटों पर हुआ समझौता पूरी तरह यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस पार्टी सपा के आगे झुकी है.
UP Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन पर मुहर लग चुकी है. कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में 17 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी, जिसमें वाराणसी की सीट भी शामिल है. इसी बीच उत्तर प्रदेश के सीनियर कांग्रेस नेता और वाराणसी के पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्रा के बगावती तेवर देखे जा रहे हैं. एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान डॉक्टर राजेश मिश्रा ने कांग्रेस पार्टी की नीतियों से जुड़े कई अहम मामलों पर खास बातचीत की और खुलासे भी किए हैं. डॉ राजेश मिश्रा ने अपने एक्स पर पोस्ट भी किया है जो काफी सुर्खियों में है.
कांग्रेस पार्टी पूरी तरह नीति विहीन- डॉ राजेश मिश्रा
साल 2004 से 2009 तक वाराणसी के सांसद रहे डॉ राजेश मिश्रा ने एबीपी लाइव से बातचीत में कहा कि वर्तमान समय में कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से नीति विहीन हो चुकी है. सोनिया गांधी और उससे पहले कांग्रेस पार्टी के पास नीति थी और संगठन में मजबूती भी लेकिन इस समय ब्लॉक बूथ, राज्य और राष्ट्र स्तर पर कोई भी संगठन में मजबूती नहीं है. इसके अलावा भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर बड़ा तंज कसते हुए कहा कि यह भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बजाय भारत तोड़ो यात्रा की तरह रहा. क्योंकि पार्टी का सबसे बड़ा नेता अगर हर जिले हर क्षेत्र में जाकर लोगों से जाति आधार पर बातचीत करता है तो यह कांग्रेस की नीति के खिलाफ है. कांग्रेस पार्टी ने कभी भी ऐसे विचारों का समर्थन नहीं किया है.
17 सीटों के लिए कांग्रेस पार्टी सपा के आगे झुकी
डॉ राजेश मिश्रा ने यह भी कहा कि 17 सीटों पर हुआ समझौता पूरी तरह यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस पार्टी सपा के आगे झुकी है. उन जगहों पर कांग्रेस पार्टी को टिकट मिला है जहां पर पार्टी का जनाधार कम है. इसके अलावा राजेश मिश्रा ने इस ओर भी इशारा किया कि राष्ट्रीय कमेटी की बैठक के दौरान कुछ चाटुकार नेताओं की वजह से कांग्रेस के लिए सब कुछ समर्पित कर देने वाले नेताओं को अनदेखा किया जाता है. वर्तमान में कांग्रेस पार्टी की स्थिति के लिए यह विषय सबसे ज्यादा जिम्मेदार है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ेंगे. इस आधार पर कयास लगाए जा रहे हैं कि डॉक्टर राजेश मिश्रा किसी भी समय कांग्रेस पार्टी से नाता तोड़ सकते हैं.
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