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Allahabad University Convocation: एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान बोले- Assistant Professor पद के लिए PhD की अनिवार्यता ठीक नहीं
यूनियन एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में कहा कि सहायक प्रोफेसर पद के लिए पीएचडी की डिग्री की अनिवार्यता ठीक नहीं है.
![Allahabad University Convocation: एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान बोले- Assistant Professor पद के लिए PhD की अनिवार्यता ठीक नहीं – Education Minister Dharmendra Pradhan said that mandatory PhD degree for assistant professor post is not good Allahabad University Convocation: एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान बोले- Assistant Professor पद के लिए PhD की अनिवार्यता ठीक नहीं](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/11/09/e6e3e67bf2b63e5bd1f8561665bf2d10_original.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में इस बार यूनियन एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान चीफ गेस्ट के रूप में आए. कनवोकेशन सेरेमनी में विभिन्न मुद्दों पर बोलते हुए एजुकेशन मिनिस्टर ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए पीएचडी की अनिवार्यता पर भी बात की. उन्होंने कहा कि सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए पीएचडी की अनिवार्यता ठीक नहीं है. इसी कारण से इस नियम को अभी लागू न करने का फैसला किया गया है.
गौरतलब है कि एजुकेशन मिनिस्टर का ये स्टेमेंट तब आया है जब यूजीसी ने करीब एक महीने पहले असिस्टेंट प्रोफेसर पदों के लिए पीएचडी की डिग्री की अनिवार्यता का अपना फैसला कुछ समय के लिए आगे बढ़ा दिया है.
क्या बोले एजुकेशन मिनिस्टर –
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद प्रधान ने कहा कि, ‘हम ऐसा मानते हैं कि असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी की जरूरत नहीं है. इस कंडीशन को उस स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता जब हम टीचिंग के लिए अच्छा टैलेंट लाना चाहते हों. हां एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर स्तर के लिए ये जरूरी है पर असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए शायद ठीक नहीं इसलिए हमने अपने सिस्टम में सुधार किया है’.
क्या नियम था यूजीसी का –
आपकी जानकारी के लिए बता दें साल 2018 में यूजीसी ने नियम निकाला था कि असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर डायरेक्ट रिक्रूटमेंट के लिए जुलाई 2021 से पीएचडी की डिग्री अनिवार्य हो जाएगी. हालांकि फिर इस साल 12 अक्टूबर को यूजीसी ने दूसरा सर्कुलर निकाला जिसमें कहा गया कि असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए पीएचडी की डिग्री की अनिवार्यता के नियम को आगे बढ़ाया जाता है. अब ये अनिवार्यता 01 जुलाई 2021 से 01 जुलाई 2023 तक लागू नहीं होगी. यानी अब बिना पीएचडी के भी कैंडिडेट सहायक प्रोफेसर बन सकते हैं.
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