यूपी की इस बड़ी समस्या पर सीएम योगी की नजर, स्थायी समाधान के लिए अफसरों को दिए निर्देश
CM Yogi Adityanath News: महाकुंभ के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ अब मानसून में बाढ़ की तैयारियों को लेकर अभी से जुट गए हैं. मुख्यमंत्री ने बाढ़ के स्थामी समाधान के लिए नदियों के अध्ययन के निर्देश दिए है.

CM Yogi Adityanath News: उत्तर प्रदेश में बारिश के मौसम में बाढ़ की समस्या को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके स्थायी समाधान के निर्देश दिए हैं. इसके तहत नदी की स्थानीय परिस्थितियों के अध्ययन किया जाएगा. शुक्रवार को बाढ़ संबंधी परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि जहां कहीं नदी के मेन स्ट्रीम में सिल्ट की अधिकता हो, नदी उथली हो, वहां ड्रेजिंग को प्राथमिकता दी जाए और नदी को चैनलाइज किया जाए. यदि ड्रेजिंग से समाधान होना संभव न हो, तब ही तटबंध अथवा कटान निरोधी अन्य उपायों को अपनाया जाये.
शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रबंधन और जन-जीवन की सुरक्षा के दृष्टिगत जारी तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने बाढ़ की दृष्टि से अतिसंवेदनशील/संवेदनशील जिलों, पूर्ण और लंबित परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की. सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि सभी नदियों के ड्रोन सर्वेक्षण कर स्थानीय परिस्थितियों के बारे में समुचित जानकारी प्राप्त कर ली जाए.
बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में व्यापक जन-धन हानि के लिए दशकों तक कारक रही बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान के लिए विगत 8 वर्षों में किए गए सुनियोजित प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं. बाढ़ की दृष्टि से अति संवेदनशील जिलों की संख्या में अभूतपूर्व कमी आई है. विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार हमने आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग कर बाढ़ से खतरे को न्यूनतम करने में सफलता पाई है. बाढ़ से जन-जीवन की सुरक्षा के लिए विभागों के समन्वय से अच्छा काम हुआ है.
बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि जन-धन की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए 2018-19 से अब तक 1575 बाढ़ परियोजनाएं पूरी की गईं. इसमें 305 परियोजनाएं अकेले वर्ष 2024-25 में पूरी की गई हैं. इन प्रयासों से 4.97 लाख हेक्टेयर भूमि और 60.45 लाख की आबादी को लाभ हुआ है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वर्तमान सत्र के लिए तय की गईं परियोजनाओं का अवशेष कार्य प्राथमिकता के आधार पर नियत समय के भीतर पूरा करा लिया जाए.
बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील जिले
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ की दृष्टि से 24 जनपद अति संवेदनशील श्रेणी में हैं. इसमें महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोण्डा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी शामिल हैं. जबकि सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज संवेदनशील प्रकृति के हैं. यहां विभाग को अलर्ट मोड में रहना होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ से सुरक्षा के लिए विभिन्न नदियों पर 3869 किमी लंबाई वाले 523 तटबंध निर्मित हैं, जबकि 60047 किलोमीटर लंबाई के 10727 ड्रेन हैं. बाढ़ की आशंका को देखते हुए सभी तटबंधों की सतत निगरानी की जाए. सभी ड्रेन की सफाई 31 मार्च के पहले करा ली जाए. राज्य स्तर और जिला स्तर पर बाढ़ राहत कंट्रोल रूप 24×7 एक्टिव मोड में रहें. इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाती रहे.
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Source: IOCL