बागपत में बड़ा खुलासा: पुलिस ने चुनावी रंजिश में फौजी के पिता पर ठोका झूठा केस
Baghpat News:फौजीराम शर्मा ने बताया कि 14 मई को वह गांव में पैदल जा रहे थे. इसी दौरान ललियाना पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया और थाने ले जाकर हवालात में बंद कर दिया.

यूपी के बागपत में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, यहां भारतीय वायु सेना में कार्यरत जवान के पिता को पुलिस ने झूठे जुआ केस में फंसाकर हवालात में डाल दिया. जवान उस वक्त पठानकोट में उस वक्त ऑपरेशन सिन्दूर में ड्यूटी पर था. अब एसपी से शिकायत के बाद पूरे महकमे में हड़कम्प मच गया है.
दरअसल चांदीनगर थाना क्षेत्र के ललियाना गांव निवासी फौजीराम शर्मा ने बताया कि 14 मई 2025 की सुबह करीब 11 बजे वह गांव में पैदल जा रहे थे. इसी दौरान ललियाना पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया और थाने ले जाकर हवालात में बंद कर दिया. फौजीराम का कहना है कि जब उन्होंने अपना गुनाह पूछा, तो दारोगा ने उन्हें धमकाकर चुप रहने को कहा. 24 घंटे हिरासत में रखने के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ सट्टेबाजी का झूठा मुकदमा दर्ज किया. तलाशी में उनके पास केवल मोबाइल और बीड़ी का बंडल मिला, फिर भी जुआ खेलने का आरोप लगाया गया. बाद में उन्हें थाने से ही जमानत दे दी गई.
प्रधानी रंजिश में हुई कार्रवाई
पीड़ित फौजीराम का दावा है कि यह कार्रवाई गांव के कुछ प्रभावशाली लोगों के इशारे पर की गई, जो आगामी ग्राम प्रधान चुनाव में उनकी संभावित उम्मीदवारी से डरे हुए थे. उनके पिता स्वर्गीय पंडित दाताराम शर्मा 12 वर्षों तक ग्राम प्रधान रह चुके हैं, और फौजीराम को भी गांव में मजबूत दावेदार माना जा रहा था.
सीसीटीवी फुटेज बना सबूत
फौजीराम के बेटे योगेंद्र शर्मा जोकि वायुसेना में कार्यरत हैं. ड्यूटी से लौटने के बाद इस मामले की शिकायत एसपी, डीएम, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से की. योगेंद्र ने एसपी सूरज कुमार राय को एक सीसीटीवी फुटेज सौंपा, जिसमें पुलिसकर्मी उनके पिता को बाइक पर जबरन ले जाते दिख रहे हैं. योगेंद्र का कहना है कि यह फुटेज इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि उनके पिता को साजिश के तहत फंसाया गया. उन्होंने डीएम कार्यालय में भी शिकायत की, लेकिन जांच चांदीनगर थाना पुलिस को सौंप दी गई. वहां पुलिसकर्मियों ने मौखिक बयान को नकारते हुए ऑडियो-वीडियो सबूत मांगे.
ग्राम प्रधान चुनाव से जुड़ी रंजिश
फौजीराम का आरोप है कि यह पूरा प्रकरण ग्राम प्रधान चुनाव से जुड़ी रंजिश का नतीजा है. गांव के कुछ प्रभावशाली लोग उनकी छवि खराब करने के लिए पुलिस का सहारा ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके परिवार की गांव में अच्छी प्रतिष्ठा है, और उनके बेटे की सैन्य सेवा ने इसे और मजबूत किया है. ऐसे में विरोधी पक्ष ने उनकी संभावित उम्मीदवारी को कमजोर करने के लिए यह साजिश रची.
एसपी ने शुरू की जांच
वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी सूरज कुमार राय ने खेकड़ा सीओ को जांच सौंप दी है. एसपी ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
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Source: IOCL






















