दिल्ली चुनाव में हार पर बोले अमित शाह- नहीं देने चाहिये थे नफरत भरे बयान
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वीकार किया है कि दिल्ली चुनाव में नेताओं द्वारा दिये गये बयान हार की वजह

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार पर पहली बार अमित शाह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अधयक्ष व केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी के नेताओं द्वारा दिये गये नफरत भरे बयान भारी पड़े। उन्होंने कहा कि ''गोली मारो..'' और ''भारत-पाकिस्तान मैच'' जैसे बयान नहीं देने चाहिये थे। निजी टीवी चैनल के एक कार्यक्रम में बोलते हुये शाह ने कहा कि भाजपा जीत या हार के लिए चुनाव नहीं लड़ती बल्कि चुनाव के माध्यम से अपनी विचारधारा का प्रसार करती है।
भाजपा के चाणक्य कहे जानेवाले अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि, 'गोली मारो' और 'भारत- पाक मैच' जैसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए थे। हमारी पार्टी ने इस तरह के बयानों से खुद को अलग कर लिया है। फिर भी संभव है कि इस तरह के बयानों से पार्टी की हार हुई है। इसी के चलते हमारी पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी।
एक सवाल के जवाब में शाह ने माना कि दिल्ली चुनावों पर उनका आकलन गलत साबित हुआ है। उनका यह मानना कि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को 45 सीटें मिलेंगी एकदम गलत था। उन्होंने ईवीएम से करंट निकलने वाले अपने बयान का भी बचाव किया। उन्होंने कहा कि भाजपा अब दिल्ली विधानसभा में एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाएगी। आपको बता दें कि पिछले विधानसभा में सिर्फ तीन सीटें पाने वाली भाजपा को इस बार भी सिर्फ आठ सीटों से संतोष करना पड़ा है।
NPR-NRC को लेकर कोई फैसला नहीं उन्होंने कहा- एनआरसी को पूरे देश में लागू करने को लेकर अभी तक सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) की प्रक्रिया के दौरान अगर कोई अपना दस्तावेज नहीं दिखाना चाहता है, तो वह इसके लिए स्वतंत्र है। एनआरसी का जिक्र भाजपा के घोषणा पत्र में नहीं किया गया था। शाह ने एनआरसी-सीएए पर हुए प्रदर्शन पर कहा- हम अहिंसक और शांतिपूर्ण प्रदर्शन को सहन कर सकते हैं, लेकिन हिंसा और तोड़फोड़ को बर्दाश्त नहीं कर सकते। शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतांत्रिक अधिकार है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जो कोई भी उनके साथ सीएए से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है वह उनके कार्यालय से समय ले सकता है। उन्होंने कहा, 'हम तीन दिनों के अंदर चर्चा के लिए समय देंगे।'
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