लंबे समय से सहमति से बनाए जा रहे शारीरिक संबंध रेप नहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला
Allahabad High Court: कोर्ट ने कहा 13 साल के लंबे समय तक सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध को महज इस आधार पर रेप नहीं कहा जाएगा, क्योंकि इसमें शादी के वादे का उल्लंघन किया गया है.
Allahabad High Court News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यौन शोषण मामले में अहम फैसला दिया है. कोर्ट ने कहा सहमति के आधार पर लंबे समय से बनाए जा रहे शारीरिक संबंध को रेप बिल्कुल नहीं माना जा सकता है. कोर्ट ने महज शादी के झूठे वादे के आधार पर कई सालों तक सहमति से बनाए गए संबंधों को रेप मानने से इनकार किया.
हाई कोर्ट ने इसी आधार पर मुरादाबाद के आरोपी के खिलाफ चल रही क्रिमिनल प्रोसीडिंग को रद्द करते हुए उसे बड़ी राहत दी है. जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की सिंगल बेंच ने आरोपी श्रेय गुप्ता की याचिका को मंजूर करते हुए आदेश दिया. कोर्ट के फैसले के मुताबिक बारह-तेरह साल के लंबे समय तक सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध को महज इस आधार पर बलात्कार नहीं कहा जाएगा, क्योंकि इसमें शादी के वायदे का उल्लंघन किया गया है.
जानें क्या है पूरा मामला?
मुरादाबाद की एक महिला ने साल 2018 में महिला पुलिस स्टेशन में श्रेय गुप्ता नाम के शख्स के खिलाफ रेप और ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज कराया था. आरोपी ने इस मामले में दाखिल चार्जशीट को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला दिया. कोर्ट ने कहा कि महिला शादीशुदा होने और बच्चों को जन्म देने के बावजूद पति के जीवित रहते हुए आरोपी के साथ रिश्ते में थी.
महिला का आरोप था कि उसका पति गंभीर रूप से बीमार था, ऐसी स्थिति में आरोपी ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की शुरुआत की और उससे वादा किया कि पति की मृत्यु हो जाने के बाद वो उससे शादी कर लेगा. पति की मौत के बाद भी दोनों के बीच रिश्ता रहा लेकिन इसके बाद उसने 2017 में दूसरी महिला से सगाई कर ली.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि 12 साल तक सहमति से संबंध चलता रहा लेकिन सिर्फ शादी से इनकार करने के आधार पर इसे रेप नहीं माना जा सकता है.