UPPCL के अफसरों पर सरकार ने शिकंजा कसा, 136 अफसरों पर जांच की आंच
यूपीपीसीएल फंड घोटाले में राज्य सरकार बड़ी कार्रवाई करने के मूड में नजर आ रही है। विभाग के 136 अफसरों पर जांच का शिकंजा कसता जा रहा है।

लखनऊ, शैलेश अरोड़ा। उत्तर प्रदेश सरकार में भ्रष्टाचारी अफसरों पर शिकंजा कसने की मुहिम जारी है। यूपीपीसीएल में कर्मचारियों के भविष्य निधि में हुए घोटाले के बाद अब विभाग के घोटालेबाज अफसरों पर शिकंजा कसने जा रहा है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के 136 इंजीनियर और चीफ इंजीनियर जांच के दायरे में है।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में भ्रष्टाचारी इंजीनियर और चीफ इंजीनियरों पर सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शुरुआती कार्रवाई में विभागीय विजिलेंस टीम ने 80 से ज्यादा अफसरों के खिलाफ जांच शुरू की है। विभागीय विजिलेंस की जांच में इस अफसरो में पांच ऐसे इंजीनियर हैं जिनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच की जा रही है।
दरअसल सरकार बनने के बाद से ही विभागीय मंत्री श्रीकांत शर्मा को पावर कॉरपोरेशन के घोटालेबाज अफसरों के खिलाफ शिकायतें मिल रही थी। शिकायतें पिछली सरकार में दिए गए ठेके में कमीशन खोरी, बिजली बिल में घूस लेकर गड़बड़ी करने,निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के मामले शामिल थे। मंत्री के आदेश पर पावर कॉरपोरेशन में ऐसे अफसरों का पहले चिन्हीकरण हुआ जिसके बाद अब विभागीय विजिलेंस जांच शुरू कर दी गई है।
सूत्रों की माने तो जांच के दायरे में आए 136 ऐसे अफसर हैं जिनके खिलाफ विभागीय घोटाले के साथ-साथ लखनऊ, नोएडा, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, मेरठ में बेहिसाब संपत्ति जुटाने की जानकारी मिली है। ऐसे 136 अफसरों में से 80 इंजीनियर व अफसर पर पावर कॉरपोरेशन की विजिलेंस ने शिकंजा कस दिया है। जांच के दायरे में आए अफसरों में 2 चीफ इंजीनियर, 27 अधीक्षण अभियंता, 15 अधिशासी अभियंता, 23 सहायक अभियंता और 35 इन अफसरों के घोटाले में शामिल विभाग के स्टाफकर्मी शामिल है।
Source: IOCL





















