विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग को चेताया, कहीं कोरोना का सुपर स्प्रेडर न बन जाए बिहार विधानसभा चुनाव
9 राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग को दिए ज्ञापन में कहा है कि कुछ अनुमानों के अनुसार चुनाव के सम्भावित समय यानि अक्टूबर-नवंबर तक बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 लाख के आसपास हो जाएगी.
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच बिहार में चुनाव को लेकर आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं. आरजेडी और एलजेपी ने पहले ही साफ़ किया है कि कोरोना के साए में बिहार में विधानसभा चुनाव कराना ख़तरे से खाली नहीं होगा. अब 9 राजनीतिक दलों ने एक बार फिर चुनाव पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग का दरवाज़ा खटखटाया है.
इन 9 दलों ने चुनाव आयोग को एक संयुक्त ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में इन दलों ने आयोग को बिहार में कोरोना महामारी के वर्तमान हालात के बारे में बताते हुए लिखा है कि महामारी लगातार बढ़ रही है. फिलहाल राज्य में 22000 से ज़्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और हालात दिन ब दिन ख़राब होते जा रहे हैं.
इन दलों का कहना है कि कुछ अनुमानों के अनुसार चुनाव के सम्भावित समय यानि अक्टूबर-नवंबर तक बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 लाख के आसपास हो जाएगी. इन दलों ने चुनाव आयोग से पूछा है कि ऐसे में अगर चुनाव होता है तो सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य प्रोटोकोलों का पालन करते हुए चुनाव करवाना कितना सम्भव हो पाएगा. ज्ञापन में आयोग को चेताते हुए कहा गया है कि कहीं लोकतंत्र का सबसे बड़ा महापर्व कोरोना का सुपर स्प्रेडर न बन जाए.
अपने ज्ञापन में इन दलों ने शिकायत करते हुए लिखा है कि चुनाव आयोग ने सभी दलों को वर्चुअल रैली करने की जो इजाजत दी है वह चुनाव में सब को एक समान अवसर दिए जाने की मूल भावना के खिलाफ है. इस फैसले से बिहार में सत्तारूढ़ पार्टियों को मदद मिली है जबकि उन पार्टियों को नुकसान होगा जिनके पास इतने संसाधन नहीं हैं.
ट्राई के आंकड़ों का हवाला देते हुए लिखा गया है कि बिहार में आधे से कुछ ज़्यादा लोगों के पास मोबाइल फोन हैं जबकि उनमें से केवल 34 फीसदी लोगों के पास स्मार्टफोन है. ऐसे में मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग चुनावी प्रक्रिया से बाहर रह जाएगा.
हालांकि अपने ज्ञापन में इन सभी दलों ने सीधे तौर पर चुनाव रद्द करने की मांग नहीं की है. वहीं इस मसले पर इन सभी दलों के दिल्ली में मौजूद नेताओं की एक बैठक भी हुई. बैठक में मनोज झा, सीताराम येचुरी, डी राजा, उपेंद्र कुशवाहा और शक्ति सिंह गोहिल समेत कुछ अन्य नेता मौजूद थे.
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि महागठबंधन के सभी दल चुनाव के लिए तैयार हैं लेकिन वर्चुअल चुनाव उन पार्टियों के लिए नुकसानदायक है जिनके पास संसाधनों की कमी है.
सभी दलों ने आयोग से चुनाव की संभावना की समीक्षा करने को कहा है. उनका कहना है कि बिहार के लोगों के स्वास्थ्य और स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ये ज़रूरी है कि दोनों के बीच संतुलन बनाया जाए.
यह भी पढ़ें:
देश की पहली ‘रोबोट फैमिली’ दफ्तरों, अस्पतालों में काम करने को तैयार, जानें खासियतें
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets