Maharashtra: कौन हैं आनंदराज आंबेडकर? जिनकी पार्टी का हुआ एकनाथ शिंदे की शिवसेना से गठबंधन
Who is Anandraj Ambedkar: आनंदराज आंबेडकर की रिपब्लिकन सेना ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना से गठबंधन किया है. दोनों नेताओं का कहना है कि 'शिवशक्ति-भीमशक्ति' गठबंधन दलित अधिकारों को केंद्र में रखकर बना है.

महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने आनंदराज आंबेडकर की रिपब्लिकन सेना के साथ गठबंधन की घोषणा की है. यह गठबंधन आगामी स्थानीय निकाय और महानगरपालिका चुनावों को ध्यान में रखकर किया गया है. इस गठबंधन को 'शिवशक्ति-भीमशक्ति' का नाम दिया गया है, जो बालासाहेब ठाकरे और डॉ. बी.आर. आंबेडकर की विचारधाराओं को आगे बढ़ाने का दावा करता है.
कौन हैं आनंदराज आंबेडकर?
आनंदराज यशवंत आंबेडकर भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर के पौत्र और यशवंत आंबेडकर के बेटे हैं. आनंदराज अपने बड़े भाई प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन आघाडी से अलग अपनी राजनीतिक पार्टी, रिपब्लिकन सेना के संस्थापक और अध्यक्ष हैं, जिसे उन्होंने 21 नवंबर 1998 को स्थापित किया था. यह पार्टी डॉ. आंबेडकर के विचारों, यानी आंबेडकरवाद, पर आधारित है और मुख्य रूप से महाराष्ट्र में सक्रिय है.
आनंदराज आंबेडकर ने 1975 में पुणे के राजा शिवाजी विद्यालय से दसवीं और 1977 में मुंबई के रुईया कॉलेज से बारहवीं की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद, उन्होंने वी.जे.टी.आई., मुंबई से 1981 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.ई. की डिग्री हासिल की और 1983 में बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई से एम.एम.एस. की डिग्री प्राप्त की. वे आंबेडकर आंदोलन के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं.
गठबंधन करके गर्व है- एकनाथ शिंदे
बुधवार को मुंबई में आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में, एकनाथ शिंदे ने कहा, "हम आनंदराज आंबेडकर और रिपब्लिकन सेना के साथ गठबंधन करके गर्व महसूस कर रहे हैं. यह साझेदारी विचार, विश्वास और विकास के 3 स्तंभों पर आधारित है." उन्होंने जोर देकर कहा कि यह गठबंधन सामान्य लोगों के कल्याण और सामाजिक न्याय के लिए काम करेगा.
आनंदराज आंबेडकर ने इस मौके पर कहा कि यह गठबंधन बिना किसी शर्त के किया गया है, सिवाय इसके कि शिवसेना को आंबेडकरी कार्यकर्ताओं को सत्ता में हिस्सेदारी देनी होगी. उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य दलित समुदाय और हाशिए पर मौजूद लोगों के लिए आवाज उठाना और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करना है."
यह गठबंधन ऐसे समय में हुआ है जब शिवसेना को अपने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ सत्ता के बंटवारे को लेकर तनाव का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और अन्य विपक्षी दलों के गठबंधन की चर्चाओं ने भी शिंदे के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं. इस गठबंधन के जरिए शिंदे ने मुंबई और अन्य शहरी केंद्रों में दलित और मराठी मतों को एकजुट करने की रणनीति अपनाई है.
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