Waqf Bill: 'टोपी पहन लेंगे और नमाज भी पढ़ लेंगे...', AIMIM नेता वारिस पठान ने नीतीश कुमार के लिए क्या कह दिया?
Waqf Bill Passed: AIMIM नेता वारिस पठान ने नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू पर निशाना साधते हुए उन्हें मुस्लिम विरोधी करार दिया है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों के वोट की लालच में वे टोपी पहन लेते हैं.

Waqf Amendment Bill: राज्यसभा और लोकसभा से वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद से राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है. इस बीच AIMIM नेता वारिस पठान ने एक बार फिर बिल के पास होने पर एनडीए गठबंधन में शामिल बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के प्रमुख नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ ही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) पर तीखा हमला बोला है.
मुसलमानों के वोट की लालच में टोपी पहन लेंगे- वारिस पठान
वारिस पठान ने सोशल मीडिया साइट 'एक्स' पर दो वीडियो शेयर किए हैं. इनमें से एक वीडियो में नीतीश कुमार टोपी पहने नजर आ रहे हैं, जबकि दूसरे वीडियो में चंद्रबाबू नायडू भी टोपी पहने दिखाई दे रहे हैं. इन वीडियो को शेयर करते हुए वारिस पठान ने ट्वीट किया, "मुसलमानों के वोट की लालच में टोपी पहन लेंगे, नमाज भी पढ़ लेंगे, रमजान इफ्तार में शामिल हो जाएंगे. और जब मुसलमानों के हक-इंसाफ की बात आती है, तब मुसलमानों को सिर्फ टोपी पहना देते हैं और धोखा देते हैं! शर्मनाक!"
मुसलमानों के वोट की लालच में टोपी पहन लेंगे नमाज़ भी पढ़ लेंगे रमज़ान इफ्तार मे
— Waris Pathan (@warispathan) April 4, 2025
और जब मुसलमानों के हक़ इंसाफ़ की बात होती है तब मुसलमानों को टोपी पीना देते है धोका देते है ! धोखेबाज़!
शर्मनाक!!! pic.twitter.com/Eva8eIOm57
लोकसभा से पास होने पर भी किया था विरोध
बता दें कि इससे पहले भी वारिस पठान ने लोकसभा में इस बिल के पास होने पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था, "हमने पहले ही साफ कर दिया था कि हम इस बिल का पुरजोर विरोध करते हैं. यह बीजेपी की तानाशाही को दर्शाता है. बीजेपी मुसलमानों के खिलाफ है, और यह बिल इसका एक और उदाहरण है. वक्फ की रक्षा के बजाय, इसे खत्म करने के लिए यह कानून लाया गया है."
AIMIM समेत कई अन्य विपक्षी दल इस बिल का विरोध कर रहे हैं और इसे मुस्लिम समुदाय के लिए नुकसानदायक बता रहे हैं. वहीं, NDA सरकार का कहना है कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता लाने के लिए किया गया है. इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी लगातार जारी है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे इस पर क्या रुख अपनाया जाता है.
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Source: IOCL
























