मुंबई: केंद्रीय मंत्री के हस्तक्षेप के बाद वापस आए ओमान में फंसे भारतीय, 36 लोग लौटे स्वदेश
Mumbai News: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के हस्तक्षेप से ओमान में फंसे 36 भारतीय कामगारों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित हो गई है. इन सभी कामगारों को सफलतापूर्वक बचाया गया और भारत लाया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विदेश में संकटग्रस्त प्रत्येक भारतीय को हरसंभव सहायता पहुंचाने' के संकल्प से प्रेरित होकर, केंद्रीय मंत्री व उत्तर मुंबई के सांसद पीयूष गोयल के समय पर हस्तक्षेप और ओमान स्थित भारतीय दूतावास की त्वरित कार्रवाई से, ओमान में फंसे और कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे 36 भारतीय कामगारों को सफलतापूर्वक बचाया गया और सुरक्षित रूप से भारत वापस लाया गया.
हाल ही में भाजपा अध्यक्ष, वार्ड नं. 24, उत्तर मुंबई के गोविंद प्रसाद ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को जानकारी दी कि ओमान में 18 भारतीय कामगार, जिनमें उनके एक रिश्तेदार भी शामिल हैं, अपने नियोक्ता द्वारा शोषण का शिकार हो रहे हैं और अत्यंत दयनीय स्थिति में रह रहे हैं.
कामगारों को राहत दिलाने के लिए पीयूष गोयल ने किया था हस्तक्षेप
कामगारों को तुरंत राहत दिलाने के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अपने अधिकारियों को इस मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लेने का निर्देश दिया. उनके कार्यालय ने तुरंत भारतीय दूतावास, ओमान से संपर्क कर त्वरित हस्तक्षेप की अपील की.
दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से तेज़ कार्रवाई करते हुए न केवल उन 18 कामगारों का पता लगाया, बल्कि ऐसे ही हालात में फंसे 18 अन्य भारतीयों को भी खोज निकाला. सभी 36 कामगारों को एक स्थानीय गुरुद्वारे में अस्थायी रूप से ठहराया गया, जिसने उदारतापूर्वक उन्हें आश्रय दिया. साथ ही, दूतावास ने उनकी वापसी की आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कीं. कुछ ही दिनों में सभी कामगारों को सुरक्षित रूप से भारत वापस भेज दिया गया.
ये कामगार बेहतर रोजगार अवसरों की तलाश में ओमान गए थे, परंतु उन्हें नियोक्ता द्वारा गंभीर शोषण का सामना करना पड़ा. उनका वेतन चार-पाँच महीनों तक रोका जाता था या आंशिक रूप से दिया जाता था, उन्हें तंग कमरों में रखा गया, पासपोर्ट ज़ब्त कर लिए गए, और कुछ मामलों में उनके नाम पर कर्ज़ भी लिया गया. भागने की कोशिश पर उन्हें गिरफ़्तारी की धमकी दी जाती थी, जिससे वे पूरी तरह असहाय हो गए थे.
इस वापसी पर क्या बोले सांसद पीयूष गोयल?
केंद्रीय मंत्री एवं उत्तर मुंबई के सांसद पीयूष गोयल ने कहा कि, इस सफल बचाव अभियान ने एक बार फिर मोदी सरकार की यह अटूट प्रतिबद्धता दर्शाई है कि- 'हर भारतीय की सुरक्षा, सम्मान और कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता है.' केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि 'ओमान से 36 भारतीय कामगारों की सुरक्षित वापसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व और सरकार के दृढ़ संकल्प का प्रमाण है कि विदेशों में रहने वाले हर भारतीय की रक्षा की जाएगी.
संकटग्रस्त भारतीयों की सेवा करना केवल हमारा दायित्व नहीं, बल्कि एक पवित्र कर्तव्य है. विदेशों में कार्यरत हमारे श्रमिक देश का गौरव हैं, और उनकी सुरक्षा, सम्मान व जरूरत पड़ने पर सुरक्षित वापसी के लिए यह सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी. मैं सभी नागरिकों से आग्रह करता हूँ कि रोजगार के लिए विदेश जाने से पहले एजेंट और संभावित नियोक्ता की सत्यता अवश्य जाँचें. थोड़ी सी सावधानी बड़े संकट से बचा सकती है और धोखेबाज़ एजेंटों से सुरक्षा दे सकती है.'
पहले गिनी में किया था हस्तक्षेप
अगस्त 2025 में एक अन्य मामले में, गिनी में मुंबई के एक भारतीय कामगार की दुखद मृत्यु हो गई थी. उनके परिवार को पार्थिव शरीर भारत लाने में कठिनाई हो रही थी. जब यह जानकारी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को मिली, तो उन्होंने व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप किया. इसके बाद भारतीय दूतावास ने तत्काल कार्रवाई की और उस कामगार का पार्थिव शरीर भारत लाकर उनके शोकाकुल परिवार को सौंपा गया.
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Source: IOCL

























