'वो संविधान को नहीं मानते', CJI पर जूता हमला करने वाले वकील से मुलाकात के बाद बोले शरद पवार गुट के नेता
Maharashtra News: NCP-SP नेता निलेश लांके ने वकील राकेश किशोर से मुलाकात की, जिन्होंने CJI पर जूता फेंकने की कोशिश की थी. उन्होंने किशोर को संविधान का महत्व समझाया और गांधीवादी तरीके से चेतावनी दी.

NCP-SP नेता निलेश लांके ने कल (9 अक्टूबर) निलंबित वकील राकेश किशोर से मुलाकात की, जिन्होंने CJI बीआर गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया था. इस मुलाकात का उद्देश्य वकील को संविधान के महत्व और उसके पालन की समझ देना था.
निलेश लांके ने बताया कि किशोर ने अब भी संविधान को मान्यता नहीं दी है और उन्हें कोई पछतावा नहीं है. पुलिस ने भी इस दौरान उन्हें न्यायालय के अंदर तक साथ दिया.
मुलाकात का उद्देश्य और संविधान की अहमियत
उन्होंने बताया कि वकील राकेश किशोर ने मुलाकात के दौरान कहा कि वे संविधान को स्वीकार नहीं करते हैं. वहीं निलेश लांके और उनकी टीम ने उन्हें संविधान की एक कॉपी और एक फोटो प्रदान की. उन्होंने बताया कि यह मुलाकात गांधीवादी तरीकों से की गई, ताकि संविधान के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ाई जा सके.
#WATCH | Delhi: NCP –SCP leader Nilesh Lanke yesterday met suspended advocate Rakesh Kishore, who attempted to hurl a shoe at CJI BR Gavai
— ANI (@ANI) October 10, 2025
He says," He still maintains that he doesn't accept the Constitution. We gave him a copy of the Constitution... He still has no… pic.twitter.com/EqVvp2456H
निलेश लांके ने कहा कि जो देश संविधान के आधार पर चलता है, जैसे बाबा साहेब अंबेडकर ने इसे बनाया था, सीजेआई बीआर गवई उसका संरक्षण करते हैं. जो व्यक्ति इस प्रणाली का अपमान करता है, उनके लिए यह जरूरी है कि उन्हें संविधान की मूलभूत समझ हो. लांके ने बताया कि मुलाकात के दौरान किशोर ने कहा कि 'हमारे लिए संविधान मान्य नहीं है'.
देश और धर्म का संदेश
निलेश लांके ने यह भी कहा कि यह देश जाति, धर्म या समुदाय के आधार पर नहीं बल्कि संविधान के अनुसार चलता है. उन्होंने जोर दिया कि हिंदू धर्म या किसी धर्म का ज्ञान होना जरूरी है, लेकिन देश की बुनियाद संविधान पर टिकी है. उन्होंने राकेश किशोर को समझाया कि संविधान ही समाज और न्याय व्यवस्था की रीढ़ है, और इसे मानना हर नागरिक की जिम्मेदारी है.
निलेश लांके ने अंत में एएनआई को दिए बयान में कहा कि मुलाकात का मुख्य उद्देश्य राकेश किशोर को यह संदेश देना था कि देश केवल धर्म, जाति या समुदाय के आधार पर नहीं चलता, बल्कि संविधान और उसके नियमों के पालन से ही मजबूत होता है.
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