'औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी की हत्या की और हिंदू...', शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने लोकसभा में कर दी बड़ी मांग
Maharashtra Politics: शिवसेना MP नरेश म्हस्के ने कहा कि ASI से संरक्षित 3,691 स्मारकों और कब्रों में से 25 फीसदी मुगल और ब्रिटिश अधिकारियों की हैं, जिन्होंने देश की संस्कृति के खिलाफ काम किया.

Maharashtra News: शिवसेना के एक सांसद ने महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को नष्ट किये जाने की बुधवार (12 मार्च) को लोकसभा में मांग की. सदन में शून्यकाल के दौरान शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने ये मुद्दा उठाया और कहा कि औरंगजेब जैसे क्रूर शख्स की कब्र को संरक्षित करने की कोई जरूरत नहीं है.
सदन में शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने कहा, ''भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित 3,691 स्मारकों और कब्रों में से 25 प्रतिशत मुगल और ब्रिटिश अधिकारियों की हैं, जिन्होंने देश की संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ काम किया.''
'क्रूर औरंगजेब की कब्र को संरक्षित करने की क्या जरूरत'
म्हस्के ने आगे कहा कि औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी की हत्या की और हिंदू मंदिरों को नष्ट कर लूटा. औरंगजेब, जिसने नौवें और दसवें सिख गुरुओं की भी हत्या की थी, की कब्र खुल्दाबाद में है जिसे एएसआई द्वारा संरक्षित किया गया है. ठाणे संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य म्हस्के ने कहा, ‘‘औरंगजेब जैसे क्रूर व्यक्ति की कब्र को संरक्षित करने की क्या जरूरत है? औरंगजेब और भारत के खिलाफ काम करने वाले सभी लोगों के स्मारकों को नष्ट कर दिया जाना चाहिए.’’
अबू आजमी के बयान से गरमाया था मामला
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी के बयान के बाद औरंगजेब विवाद गहरा गया था. मुंबई की एक अदालत ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी को मुगल बादशाह औरंगजेब की प्रशंसा करने संबंधी टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में अग्रिम जमानत दे दी थी. आजमी ने अर्जी में कहा कि उनकी टिप्पणी किसी व्यक्ति विशेष का अपमान करने या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं की गई थी.
मानखुर्द-शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक आजमी के खिलाफ बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत मुगल बादशाह की तारीफ करने वाली उनकी टिप्पणी को लेकर मामला दर्ज किया गया था.
अबू आजमी ने क्या कहा था?
औरंगजेब के शासनकाल का जिक्र करते हुए आजमी ने दावा किया था, ''हमारा जीडीपी (विश्व जीडीपी) का 24 फीसदी था और भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था.'' औरंगजेब और मराठा राजा छत्रपति संभाजी महाराज के बीच लड़ाई के बारे में पूछे जाने पर आजमी ने इसे राजनीतिक लड़ाई करार दिया था.
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