महाराष्ट्र में तय समय से पहले आए मानसून ने मचाई तबाही! कई जिलों में बारिश से भारी नुकसान
Mumbai Rains: आपदा प्रबंधन विभाग ने तेज कार्रवाई करते हुए विभिन्न संवेदनशील जिलों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात कीं. मुंबई, पालघर, रायगढ़, ठाणे, समेत कई शहरों में एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीमें भेजी गई हैं.

Maharashtra News: महाराष्ट्र में इस साल मानसून ने समय से 15 दिन पहले दस्तक दे दी, जिससे 24 मई से 27 मई के बीच राज्य के कई हिस्सों में भारी वर्षा और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई. जहां आमतौर पर मानसून 11 जून के आसपास आता है, वहीं इस बार यह 25 मई को सिंधुदुर्ग और 26 मई को मुंबई पहुंच गया.
अरब सागर में 22 मई को बने कम दबाव के क्षेत्र ने धीरे-धीरे डिप्रेशन का रूप ले लिया और रत्नागिरी और दापोली के बीच भूमि से टकराया, जिससे पुणे और सतारा जिलों में भारी वर्षा हुई. बारामती, दौंड, इंदापुर और फलटण जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश दर्ज की गई. यहां 104 मिमी से अधिक और दौंड में सर्वाधिक 117 मिमी बारिश हुई. इसके चलते बारामती में 25 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची. काटेवाड़ी गांव में बाढ़ के पानी में फंसे सात लोगों को सुरक्षित बचाया गया. करीब 70-80 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया. नारोली गांव में बाढ़ से एक गाय की मौत हो गई. पुणे जिले के इंदापुर में भी दो लोगों को सुरक्षित निकाला गया.
कहां कितनी बारिश?
वहीं सातारा जिले के फलटण में 163.5 मिमी बारिश हुई. धुपेबावी गांव के पास दहिवडी-फलटण रोड पर पानी भरने से 30 लोग फंस गए थे, जिन्हें भोजन और आश्रय की सुविधा दी गई. एक एनडीआरएफ टीम को रातोंरात फलटण भेजा गया. हालांकि परिवहन बाधित हुआ, लेकिन बारिश की तीव्रता बाद में कम हो गई.
नदी में फंसे कई लोग
सोलापुर जिले में 67.75 मिमी बारिश दर्ज की गई. नहरों से छोड़ा गया अतिरिक्त पानी आसपास की नदियों में घुस गया, जिससे किनारे के गांवों को सतर्क किया गया. मालशिरस तालुका के कुरुबावी गांव के पास फंसे छह लोगों को एनडीआरएफ ने सुरक्षित निकाला. पंढरपुर में भी भीमा नदी के पास फंसे तीन लोगों को बाहर निकाला गया.
रायगढ़ में बिजली गिरने से शख्स की मौत
रायगढ़ जिले के माणगांव में आकाशीय बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. महाड-रायगढ़ मार्ग पर बाढ़ के कारण यातायात बंद करना पड़ा. मुंबई शहर और उपनगरों में रेलवे ट्रैक पर पानी भरने से लोकल ट्रेन सेवाएं अस्थायी रूप से बंद करनी पड़ीं. 24 से 26 मई के बीच लातूर, वाशिम, जालना, पुणे, नाशिक और मुंबई समेत कई जिलों में दीवार गिरने, पेड़ गिरने, बिजली गिरने और डूबने जैसी घटनाओं में 8 लोगों और 8 पशुओं की मृत्यु हुई.
संवेदनशील जिलों में NDRF तैनात
आपदा प्रबंधन विभाग ने तेज कार्रवाई करते हुए विभिन्न संवेदनशील जिलों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात कीं. मुंबई, पालघर, रायगढ़, ठाणे, रत्नागिरी, सतारा, सांगली, कोल्हापुर और सिंधुदुर्ग सहित कुल 18 एनडीआरएफ और 6 एसडीआरएफ टीमें आपदा संभावित क्षेत्रों में भेजी गईं. पुणे, नागपुर और धुले में अतिरिक्त टीमें रिजर्व में रखी गईं. कुछ स्थानों पर फाइबर केबल कटने से संचार बाधित हुआ, जिसे शीघ्र ही बहाल किया गया. जैसे-जैसे मानसून आगे बढ़ रहा है, राज्य की एजेंसियां सतर्क हैं और नुकसान को कम करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
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Source: IOCL























