महाराष्ट्र कैबिनेट का बड़ा फैसला, नगर परिषदों के सीधे निर्वाचित अध्यक्षों को मिला मतदान अधिकार
Maharashtra Cabinet Decision: नगर परिषद, नगर पंचायत व औद्योगिक नगरी अधिनियम, 1965 में संशोधन किया जाएगा. नगर परिषदों और नगर पंचायतों के सीधे निर्वाचित अध्यक्ष इन स्थानीय निकायों के सदस्य बन सकेंगे.

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक कानून में संशोधन की मंजूरी दे दी, जिसके तहत नगर परिषदों और नगर पंचायतों के सीधे निर्वाचित अध्यक्ष इन स्थानीय निकायों के सदस्य बन सकेंगे और उन्हें मतदान का अधिकार होगा. सरकार इस बाबत एक अध्यादेश जारी करेगी.
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, महाराष्ट्र नगर परिषद, नगर पंचायत व औद्योगिक नगरी अधिनियम, 1965 में संशोधन किया जाएगा ताकि सीधे निर्वाचित अध्यक्ष अपने-अपने नगर निकायों के सदस्य बन सकें. उन्हें सदस्य के रूप में मत डालने का अधिकार होगा.
सीएम ऑफिस के बयान में दी गई यह जानकारी
सीएम ऑफिस से जारी एक बयान में कहा गया है कि मतदान के दौरान पक्ष-विपक्ष के वोट बराबर होने की स्थिति में अध्यक्ष अपने मत का प्रयोग करेंगे. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य सीधे निर्वाचित अध्यक्षों को प्राप्त जनादेश को मान्यता देना और स्थानीय प्रशासन में उनकी भूमिका को मजबूत करना है.
मंत्रिमंडल ने धाराशिव शहर में डेयरी विकास विभाग से संबंधित एक एकड़ भूमि का उपयोग समाज सुधारक और कवि अन्नाभाऊ साठे की प्रतिमा स्थापित करने के लिए करने की मंजूरी दी.
बयान में कहा गया है कि जिस जमीन पर सरकारी दूध शीतलन केंद्र स्थित है, उसे इस उद्देश्य के लिए धराशिव नगर परिषद को सौंप दिया जाएगा. यह निर्णय जन प्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों की लंबे समय से चली आ रही मांग के तहत लिया गया है.
सेवानिवृत 291 नर्सों को शक्ति प्रदान करने की मंजूरी
मंत्रिमंडल ने जिला परिषद स्वास्थ्य विभागों के अंतर्गत बॉण्ड के तहत कार्यरत या सेवानिवृत्त हो चुकी 291 नर्सों की सेवाओं को नियमित करने के लिए संभागीय आयुक्तों को शक्तियां प्रदान करने को मंजूरी दी.
इन नर्सों को पहले सरकारी नर्सिंग कॉलेजों से प्रशिक्षण पूरा करने के बाद एक निश्चित अवधि के लिए नियुक्त किया गया था और बाद में स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर उन्हें अल्पकालिक नियुक्तियां दी गई थीं. बयान में यह भी कहा गया है कि इस तरह की नियुक्तियों को नियमित करने के लिए संभागीय आयुक्तों का अधिकार 2018 में वापस ले लिया गया था.
नर्सों की सेवाएं अब नियमित की जाएंगी
नवीनतम निर्णय के तहत, 15 अप्रैल, 2015 से पहले नियुक्त की गई बॉण्ड आधारित नर्सों की सेवाएं अब नियमित कर दी जाएंगी जिनमें वर्तमान में कार्यरत और सेवानिवृत्त दोनों शामिल हैं. मंत्रिमंडल ने गांवों, तालुका और जिलों के स्तर पर प्रशासन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए 'जिला कर्मयोगी 2.0' और 'सरपंच संवाद' कार्यक्रम शुरू करने का भी निर्णय लिया. दोनों कार्यक्रम ‘मित्रा’ संगठन के माध्यम से कार्यान्वित किए जाएंगे.
जिला कर्मयोगी 2.0 का ध्यान जमीनी स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने पर केंद्रित होगा, जिनमें कृषि अधिकारी, इंजीनियर, ग्राम सेवक, कृषि सहायक, स्वास्थ्य कर्मी, सिंचाई निरीक्षक और सांख्यिकी अधिकारी शामिल हैं.
85 हजार कर्मचारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
इस कार्यक्रम के तहत महाराष्ट्र भर में लगभग 85 हजार अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवा वितरण और प्रशासनिक दक्षता में सुधार के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस पहल का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), औद्योगिक इकाइयों और किसान-उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के समक्ष आने वाले स्थानीय मुद्दों का निदान करना है.
साथ ही जिला स्तर पर सरकार-से-व्यापार (जी2बी) सेवाओं में सुधार करना भी होगा. बयान के अनुसार, विभागों के बीच बेहतर समन्वय और निर्णय लेने में डेटा के बेहतर उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा.
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Source: IOCL






















