महाराष्ट्र में सियासी भूचाल, अजित पवार की शिकायत लेकर अमित शाह के पास पहुंचे मंत्री-विधायक!
Ajit Pawar News: महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओं ने अजित पवार के खिलाफ जो शिकायत की है, इससे जाहिर होता है कि महायुति में अंदरूनी तनाव बढ़ रहा है. अजित पवार पर बीजेपी विरोधियों का समर्थन करने का आरोप है.

Ajit Pawar Dispute: महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी बवाल मच गया है. इस बार वजह उप मुख्यमंत्री अजित पवार बने हैं. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी प्रमुख अजित पवार के खिलाफ शिकायत लेकर बीजेपी के विधायक और मंत्री केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पास पहुंचे हैं. आरोप लगाया गया है कि अजित पवार बीजेपी नेताओं और अधिकारियों के विरोधियों का समर्थन कर रहे हैं.
दरअसल, अमित शाह 25 से 27 मई तक महाराष्ट्र के दौरे पर थे. अब बीजेपी के मंत्रियों और विधायकों का दावा है कि अजित पवार उन उम्मीदवारों को मजबूत कर रहे हैं जिन्होंने 2024 के चुनाव में बीजेपी को हराया था. इससे आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी की स्थिति कमजोर हो सकती है.
इससे एक बार फिर यही संकेत मिलते हैं कि महायुति के अंदर तनाव बढ़ता जा रहा है. पश्चिम महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में बीजेपी और अजित पवार की एनसीपी के बीच तनाव विशेष रूप से स्पष्ट है, जहां दोनों दलों की मजबूत उपस्थिति है. साल 2024 के विधानसभा चुनाव में, बीजेपी ने पश्चिम महाराष्ट्र में 70 में से 28 सीटें जीतीं, जबकि एनसीपी ने 15 सीटें जीती थीं. इसी तरह, मराठवाड़ा में बीजेपी ने 46 में से 19 सीटें हासिल कीं और एनसीपी ने 8 सीटें जीतीं.
बीजेपी नेताओं को चिंता है कि अजित पवार की एनसीपी पश्चिम महाराष्ट्र में पुणे, सांगली और पिंपरी-चिंचवड जैसे जिलों में और मराठवाड़ा में परभणी, जालना और बीड में भाजपा के कब्जे वाले स्थानीय स्वशासन निकायों को निशाने पर ले रही है. इससे बीजेपी विधायकों और मंत्रियों में असंतोष बढ़ गया है और कुछ अनुमान लगा रहे हैं कि पार्टी आगामी स्थानीय निकाय चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ सकती है.
पार्टी नेताओं की प्रतिक्रियाएं
शिवसेना (उद्धव ठाकरे समूह) के विधायक सचिन अहिर: "केवल बीजेपी विधायक ही नहीं, बल्कि पूरा मंत्रिमंडल अजित पवार से नाखुश है. उन्हें निधि नहीं मिल रही है, और उनके काम नहीं हो रहे हैं. हमने जीवन भर उनके खिलाफ लड़ाई लड़ी है, और अब हमें उनके साथ बैठना पड़ रहा है."
एनसीपी (शरद पवार समूह) के विधायक रोहित पवार: "शायद बीजेपी नेता अपनी असंतुष्टता को अजित पवार के साथ चर्चा में लाना चाहते हैं ताकि वे इस विवाद को बढ़ा सकें और आगामी स्थानीय निकाय चुनाव अपनी ताकत पर लड़ सकें."
महायुति गठबंधन पर प्रभाव:
महायुति गठबंधन के भीतर बढ़ती असंतुष्टता के कारण प्रत्येक दल आगामी स्थानीय निकाय चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ सकता है. बीजेपी की संभावित रणनीति अपने सहयोगी दलों से असंतुष्टता और अपने वोट बैंक को मजबूत करने का प्रयास हो सकता है.
Source: IOCL





















