Lok Sabha Election 2024: 'मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगा जिससे MVA गठबंधन को...', सीट शेयरिंग की चर्चा के बीच उद्धव ठाकरे का बड़ा बयान
Maharashtra Lok Sabha Election 2024: उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब तक कांग्रेस अध्यक्ष सीट-बंटवारे पर नहीं बोलेंगे, तब तक न तो मैं और न ही मेरी तरफ से कोई टिप्पणी करेगा.

Maharashtra Lok Sabha Chunav 2024: महाराष्ट्र से इंडिया अलायंस के अहम गठबंधन में चल रही सियासी बयानबाजी की हर तरफ चर्चा है. कांग्रेस और ठाकरे गुट की शिवसेना के नेताओं के बीच पिछले दिनों सीट शेयरिंग को लेकर तीखी बयानबाजी देखने को मिली. वहीं इन तमाम चर्चाओं के बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने शनिवार को कहा कि वह ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे महाविकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन को कोई नुकसान पहुंचे.
दरअसल, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत की महाराष्ट्र में आगामी लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर कहा था कि उनकी पार्टी अगले साल लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 में से 23 सीट पर लड़ेगी. वहीं इसके जवाब में प्रदेश कांग्रेस ने राउत की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.
वहीं अब उद्धव ठाकरे ने मुंबई में पत्रकारों से कहा कि टिकट वितरण सुचारू रूप से होगा और उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी से बात की है. इससे पहले संजय राउत ने यह भी कहा था कि सीट बंटवारे के संबंध में कांग्रेस के साथ उनकी बातचीत बिलकुल शून्य से शुरू होगी, क्योंकि राज्य में उसके (कांग्रेस के) पास कोई भी सीट नहीं है.
इसके बाद अब उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगा जिससे एमवीए को कोई नुकसान पहुंचे. इसलिए मैं कुछ भी कहने वाले लोगों पर ध्यान नहीं दूंगा. जब तक कांग्रेस अध्यक्ष इस मुद्दे (सीट-बंटवारे) पर नहीं बोलेंगे, तब तक न तो मैं और न ही मेरी तरफ से कोई टिप्पणी करेगा.
शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख ने कहा कि टिकट वितरण सुचारू रूप से होगा. उन्होंने कहा शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के बीच चर्चा अच्छी रही है. ठाकरे ने यह भी कहा कि एमवीए के तीन घटक दलों-शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) और प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के साथ एक संयुक्त बैठक करने के प्रयास जारी हैं. शिवसेना (यूबीटी) और वीबीए का पहले ही गठबंधन है, लेकिन आंबेडकर के नेतृत्व वाले संगठन को एमवीए में शामिल करने और किसी चुनावी समझौते पर अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है.
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Source: IOCL























