सावधान! AI से बनाई IPS विश्वास नांगरे पाटील की नकली वीडियो कॉल, फिर रिटायर्ड अधिकारी से लाखों की ठगी
महाराष्ट्र के छत्रपती संभाजीनगर में ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. ठगों ने आईपीएस अधिकारी विश्वास नांगरे पाटील का फर्जी वीडियो AI से बनाकर एक पूर्व अधिकारी से 78 लाख रुपये की ठगी कर ली.

महाराष्ट्र के छत्रपती संभाजीनगर में साइबर ठगों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करते हुए आईपीएस अधिकारी विश्वास नांगरे पाटील जैसा दिखने वाला फर्जी वीडियो कॉल तैयार किया और एक 77 वर्षीय सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी को झांसे में लेकर 6 दिनों के भीतर 78 लाख 60 हजार रुपये की ठगी कर ली.
ठगों ने आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर डर का माहौल बनाया और पीड़ित को डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी देते हुए चुपचाप रकम ट्रांसफर करने को मजबूर कर दिया. यह सनसनीखेज मामला अब क्रांती चौक पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है और पुलिस ने साइबर ठगों की तलाश शुरू कर दी है.
कैसे दिया अंजाम?
पुलिस ने बताया की 2 जुलाई 2025 को पीड़ित अधिकारी को पुलिस वर्दी में एक व्यक्ति का वीडियो कॉल आया, जिसने खुद को "संजय पिसे" बताया और कहा कि वह आईपीएस विश्वास नांगरे पाटील का सहयोगी है. इसके बाद पीड़ित को बताया गया कि उनकी पत्नी के बैंक अकाउंट में 2 करोड़ रुपये का बेहिसाबी लेनदेन हुआ है, जिसका संबंध एक आतंकवादी अब्दुल सलाम से है. आरोप लगाया गया कि आतंकवादी के अकाउंट से उनके अकाउंट में 20 लाख रुपये आए हैं, इसलिए अब एनआईए की कार्रवाई तय है.
जब पीड़ित को पूरा यकीन नहीं हुआ, तो ठगों ने एक और वीडियो कॉल किया जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनाया गया विश्वास नांगरे पाटील जैसा दिखने वाला शख्स सामने आया. उसने मराठी भाषा में बात की, अपना परिचय विश्वास नांगरे पाटील के रूप में दिया और यह कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है. उसने यह चेतावनी भी दी कि यदि इस बारे में किसी को जानकारी दी गई तो पूरे परिवार को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और सारी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी.
डर और भ्रम की स्थिति में पीड़ित ने 2 से 7 जुलाई के बीच खुद और अपनी पत्नी के नाम से जुड़े अकाउंट्स से कुल 78 लाख 69 हजार रुपये साइबर ठगों द्वारा बताए गए तीन अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए. ठगों ने यह दावा किया कि जांच पूरी होने के बाद यह पूरी राशि वापस कर दी जाएगी. लेकिन कुछ दिनों बाद जब पीड़ित ने हकीकत जाननी चाही, तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
यह पहला मामला नहीं है जिसमें विश्वास नांगरे पाटील के नाम और छवि का इस्तेमाल करके लोगों को ठगा गया है. हाल के महीनों में उनके नाम पर कई करोड़ों की ठगी की जा चुकी है:
• जून 2025 में, रिलायंस इंडस्ट्रीज के रिटायर्ड वरिष्ठ अधिकारी से शेयर बेचवाकर 60 करोड़ रुपये की ठगी की गई.
• इसी महीने, कोल्हापुर की तीन रिटायर्ड प्रोफेसर से 3 करोड़ रुपये की ठगी हुई.
• बीड की एक रिटायर्ड शिक्षिका से 8 लाख रुपये उगाहे गए.
• अगस्त 2024 में एक वरिष्ठ महिला से 23 लाख रुपये इसी तरीके से ठगे गए थे.
क्रांती चौक पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच इस पूरे रैकेट की तह तक जाने में जुट गई है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस खतरनाक इस्तेमाल ने न सिर्फ ठगी को एक नया रूप दे दिया है, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा और मानसिक स्थिति पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध कॉल या वीडियो कॉल पर भरोसा न करें, चाहे सामने वाला कितना ही प्रभावशाली नाम क्यों न ले. किसी भी मामले में सीधे साइबर क्राइम ब्रांच या नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करें और बिना जांच किए कोई भी आर्थिक लेन-देन न करें.
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