पूर्व CM शिबू सोरेन को मिले भारत रत्न, झारखंड विधानसभा में प्रस्ताव पारित
Shibu Soren News: झारखंड विधानसभा के पूरक मानसून सत्र में गुरुवार (28 अगस्त) को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत शिबू सोरेन को भारत रत्न देने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया.

झारखंड विधानसभा में गुरुवार (28 अगस्त) को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग वाला प्रस्ताव पारित कर दिया गया. इसमें आदिवासी नेता और पूर्व सीएम को भारत रत्न देने की सिफारिश करते हुए केंद्र को प्रस्ताव भेजने संबंधी संकल्प पारित किया गया. प्रदेश के मंत्री दीपक बिरुआ ने सदन में यह प्रस्ताव ध्वनिमत से पेश किया.
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने झारखंड आंदोलन के प्रणेता दिवंगत शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग उठाई है. जेएमएम के महासचिव और प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने विधानसभा के पूरक मानसून सत्र में इस आशय का प्रस्ताव पारित करने की अपील की थी. कांग्रेस समेत अन्य दलों ने भी इस मांग का समर्थन किया है.
मानसून सत्र के पहले दिन 'भारत रत्न' की उठी मांग
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार (22 अगस्त) को दोबारा शुरू हुआ. सदन में पहले ही दिन झारखंड आंदोलन के प्रणेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन को 'भारत रत्न' देने की मांग उठी. कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने शोक सभा के दौरान यह मांग रखी थी.
4 अगस्त को शिबू सोरेन का हुआ निधन
विधानसभा का मानसून सत्र 1 अगस्त से 7 अगस्त 2025 तक निर्धारित था, लेकिन शिबू सोरेन के निधन के कारण इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था. 22 अगस्त से पूरक मानसून सत्र शुरू हुआ, जो 28 अगस्त तक है. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का 4 अगस्त 2025 को निधन हुआ था. दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली थी.
झारखंड की राजनीति के मजबूत स्तंभ थे शिबू सोरेन
शिबू सोरेन को 'दिशोम गुरु' के नाम से भी जाना जाता था. गुरुजी के नाम से भी उनकी पहचान थी. वो झारखंड की राजनीति के एक मजबूत स्तंभ रहे, इसके साथ ही केंद्र की सियासत में भी उनकी अच्छी पकड़ रही. शिबू सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के बैनर तले आदिवासियों के हक और अधिकार के लिए कड़ा संघर्ष किया था. शिबू सोरेन का जन्म उस समय बिहार के हजारीबाग में 11 जनवरी 1944 को हुआ था.
बिहार से अलग राज्य 'झारखंड' बनाने के आंदोलन में भी उनकी अहम भूमिका मानी जाती है. वे तीन बार साल 2005, 2008 और 2009 में झारखंड के सीएम बने, हालांकि एक बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे.
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Source: IOCL























