CM उमर अब्दुल्ला पर भड़कीं महबूबा मुफ्ती, 'अमित शाह के सामने नहीं उठाए ये गंभीर मुद्दे'
Jammu Kashmir News: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भारत सरकार से बड़ी मांग की. उन्होंने कहा कि मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपियों को दंडित कर केंद्र सरकार को उदाहरण पेश करना चाहिए.

Jammu Kashmir Politics: मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात पर जम्मू कश्मीर की सियासत गर्म हो गई है. पीडीपी (PDP) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने मुलाकात को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. बता दें कि कल बातचीत में मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री के सामने राज्य का दर्जा बहाली और शासन का मुद्दा उठाया था.
महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की तरफ से मानवाधिकार उल्लंघन और नागरिकों की हत्याओं का मुद्दा नहीं उठा सके. उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री ने राज्य के दर्ज की बहाली और शासन का मुद्दा उठाया, लेकिन उन्होंने हत्याओं के बारे में बात नहीं की. मुख्यमंत्री की बातचीत में जीवन का अधिकार पहली प्राथमिकता होनी चाहिए थी."
पीडीपी प्रमुख ने कहा, "जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा एक न एक दिन बहाल हो जाएगा. उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली एनसी सरकार को जीवन की सुरक्षा पर भारी जनादेश मिला है. मुख्यमंत्री होने के नाते उमर अब्दुल्ला को हत्याओं का मुद्दा उठाना चाहिए था."
विपक्ष के निशाने पर आए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला
भिलावर में एसएचओ पर जबरन वसूली का रैकेट चलाने और सोपोर में सेना पर लक्षित हत्या करने का आरोप लगाते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, "मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को केंद्रीय गृह मंत्री से आश्वासन मांगना चाहिए था. आतंकवाद से लड़ना ठीक है, लेकिन निर्दोष नागरिकों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए. विपक्ष में रहते पीडीपी मुद्दे को उठाती रहेगी. भारत सरकार कश्मीर में वास्तविक शांति चाहती है, तो मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपियों को दंडित कर उदाहरण पेश करना चाहिए."
'अमित शाह के सामने नहीं उठाया हत्याओं का मुद्दा'
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पीडीपी प्रमुख के आरोपों को खारिज किया है. जदीबल विधायक तनवीर सादिक ने कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कठुआ और बारामूला की घटनाओं से गृह मंत्री अमित शाह को अवगत कराया था. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं जम्मू-कश्मीर में लोगों को अलग-थलग कर सकती हैं.
एनसी प्रवक्ता ने कहा, "हम इन घटनाओं में सीधे तौर पर शामिल नहीं हो सकते, क्योंकि कानून-व्यवस्था हमारा अधिकार क्षेत्र नहीं है, लेकिन हमने सीधे तौर पर गृह मंत्री के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है. हम दोहराते हैं कि किसी भी निर्दोष की हत्या नहीं होनी चाहिए. स्थिति को सुधारने के लिए जनता का सहयोग जरूरी है." तनवीर सादिक ने बताया कि मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री के साथ राज्य का दर्जा बहाल करने, कठुआ और बारामूला की घटनाओं सहित कई मुद्दों पर चर्चा की.
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