जम्मू में भारी बारिश और भूस्खलन, दो दिन में श्रीनगर NH44 बहाल होने की उम्मीद
Jammu Kashmir News: जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) को चालू होने में दो दिन लग सकते हैं. अधिकारियों का दावा है कि हाईवे पर कोई फंसा नहीं है. राजमार्ग से मलबा हटाने की कोशिशें जारी हैं.

Jammu Kashmir News: भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बंद पड़े जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) को एकतरफा चालू होने में दो दिन लग सकते हैं और पूरी तरह से बहाल होने में और समय लगेगा. रामबन के उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने कहा कि राजमार्ग से मलबा हटाने के प्रयास जारी हैं, लेकिन कई स्थानों पर सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है और कई वाहन मलबे में फंसे हुए हैं, जिससे इसे बहाल करना मुश्किल हो रहा है.
हालांकि, उन्होंने कहा कि कल शाम या अगली सुबह तक एकतरफा यातायात की अनुमति देने के प्रयास किए जा रहे हैं. डीसी ने कहा, "हम राजमार्ग को साफ करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. अगर सब कुछ ठीक रहा, तो हम कल शाम या अगली सुबह तक एकतरफा यातायात की अनुमति दे सकते हैं."
फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया
अधिकारी दावा कर रहे हैं कि राजमार्ग पर फिलहाल कोई वाहन फंसा नहीं है, लेकिन राजमार्ग पर कई स्थानों पर सैकड़ों ट्रक और यात्री वाहन रुके हुए हैं. इससे पहले, राजमार्ग पर सबसे अधिक प्रभावित स्थानों पर लगभग 140 वाहन फंसे हुए थे. अब सभी को सुरक्षित रूप से बनिहाल की ओर ले जाया गया है, जिससे यात्रियों और उनके परिवारों की चिंता कम हो गई है.
रविवार से ही रामबन सेक्टर में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण राजमार्ग बंद है, जिससे कई स्थानों पर काफी नुकसान हुआ है. यह राजमार्ग जम्मू और श्रीनगर के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग है और कश्मीर घाटी के लिए एक जीवन रेखा है.
क्यूआरटी और एजेंसियों की मशीनरी जुटी बहाली कार्य में
पुनर्स्थापना कार्य में तेजी लाने के लिए, बनिहाल, कराचियाल, डिगदौल, मैत्रा और चंद्रकोट से त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) तैनात किए गए हैं. केआरसीएल, सीपीपीएल और डीएमआर जैसी एजेंसियों की जेसीबी और अर्थ मूवर्स सहित भारी मशीनरी मलबे को हटाने और क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत के लिए लगातार काम कर रही है.
भारतीय सेना ने नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर फंसे हुए लोगों की सहायता करने, आवश्यक सेवाएं प्रदान करने और चल रहे मरम्मत कार्य में सहायता करने के लिए एक संयुक्त अभियान शुरू किया है. रामबन जिले में बचाव अभियान भी जारी है.
डीसी और एसएसपी कर रहे हैं जमीनी निगरानी और समन्वय
डीसी ने कहा, "हमारी टीमें रामबन में सक्रिय हैं और इस कठिन समय में लोगों की पूरी तरह से सहायता कर रही हैं." डीसी चौधरी और एसएसपी रामबन कुलबीर सिंह व्यक्तिगत रूप से जमीनी स्तर पर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. बहाली में तेजी लाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों का समन्वय कर रहे हैं.
अधिकारियों ने लोगों से यात्रा संबंधी सलाह का पालन करने, अनावश्यक आवाजाही से बचने और आधिकारिक स्रोतों के माध्यम से अपडेट रहने का आग्रह किया है. जारी बारिश के कारण, अधिक भूस्खलन का खतरा बना हुआ है, जिससे यात्रा असुरक्षित हो गई है. अधिकारियों का कहना है कि वे जल्द से जल्द NH-44 को फिर से खोलने, व्यवधान को कम करने और क्षेत्र की कनेक्टिविटी और आपूर्ति लाइनों को बहाल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.
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Source: IOCL























