कुंभ के वायरल बाबा अभय सिंह ने बताई घर वालों की सच्चाई, माता-पिता के लिए कही ये बात
Maha Kumbh Mela 2025: क्या आईआईटी बाबा अपने माता-पिता की अपील पर अपने घर लौटेंगे. इस सवाल के जवाब में उन्होंने शास्त्रों का जिक्र किया और कहा कि लोग धर्म भूल गए इसलिए गुमराह करते हैं.

Haryana News: महाकुंभ में कुछ लोग अचानक से लाइमलाइट में आ गए. फूल बेचने वाली मोनालिसा हो या फिर कनाडा में जॉब छोड़कर आध्यात्म की राह पर आए आईआईटी के पूर्व छात्र अभय सिंह जिन्हें लोग आईआईटी बाबा के रूप में भी जानने लगे हैं. बेटे को कुंभ में साधू के वेश में देखकर हरियाणा में रहने वाले माता-पिता उनसे घर वापस लौटने की अपील रहे हैं लेकिन आईआईटी बाबा की इस पर अलग ही राय है.
अभय सिंह कहते हैं कि जब अपनी बात मनवानी हो तो माता-पिता शास्त्रों की बात करते हैं लेकिन वह खुद अपना वक्त आने पर शास्त्र भूल जाते हैं. एबीपी न्यूज से बातचीत में जब पूछा गया कि आप अपने माता-पिता की अपील पर घर क्यों नहीं जाना चाहते? इस पर उन्होंने कहा, ''मेरे माता-पिता का ख्याल आए और बाकी के माता-पिता का ख्याल ना आए फिर तो यह आध्यात्मिक वाली बात है.''
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— ABP News (@ABPNews) January 19, 2025
सभी को समान भाव से देखना जरूरी - आईआईटी बाबा
कनाडा में जॉब कर चुके अभय सिंह कहते हैं, ''इसका मतलब है कि आप अपने माता-पिता को स्पेशल ट्रीट कर रहे हैं और दूसरों के माता-पिता को कहीं न कही अलग से देख रहे. सभी को समान भाव से नहीं देख रहे. समान भाव तभी होगा जब हर मनुष्यों के अंदर एक-एक भगवान देख पाओ.''
फायदे के लिए शास्त्रों की दो-तीन बातें बताते हैं- आईआईटी बाबा
शास्त्रों में कहा गया है कि किसी की सबसे ज्यादा सेवा करनी चाहिए वह माता-पिता की करनी चाहिए. क्या माता-पिता का ख्याल नहीं आता? इस पर आईआईटी बाबा ने कहा, ''लोगों ने शास्त्रों की दो-तीन बातें अपने फायदे के लिए उठा ली हैं. जो इगोइस्टिक माता-पिता हैं. बच्चा तो कोरा कागज है जो कहानी बताओगे वहीं सीख जाएगा शास्त्रों की यही कहानी बतते हैं . उसमें मोक्ष के बारे में भी लिखा है वही बच्चा भगवान का नाम लेने लगता है तो माता-पिता शास्त्र भूल जाते हैं. जब अपनी फीलिंग की बात आती है तो शास्त्र भूल जाते हैं.''
आईआईटी बाबा ने कहा,''राम जी वनवास के लिए गए तो राजा दशरथ की मृत्यु हो गई. यह वनवास के कारण हुआ.बुद्ध तो पत्नी और बच्चे को छोड़कर चले गए. आदि शंकराचार्य 10 साल की आयु में घर छोड़ गए. शास्त्रों को इन्होंने ही तो लिखा है जिसका रेफ्रेंस दिया जाता है. जो लोग धर्म को भूल गए हैं वहीं गुमराह करते हैं.''
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Source: IOCL





















