एक्सप्लोरर

Gujarat Assembly Election 2022: मोरबी, मेहसाणा और वडगाम सहित इन 25 सीटों पर रहेंगी सभी की नजरें

Gujarat Election: भारतीय निर्वाचन आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. गुजरात की 182 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए दो चरणों में 1 दिसंबर और 5 दिंसबर को मतदान होगा.

Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणो में 1 और 5 दिसंबर को मतदान होगा. इस चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को जारी किए जाएंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए कहा कि इस चुनाव में राज्य के कुल 4.9 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे. गुजरात चुनाव के लिए 51782 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे, जिसमें दिव्यांगों के लिए 182 खास पोलिंग स्टेशन और महिलाओं के लिए खास 1274 वोटिंग स्टेशन बनेंगे. वहीं गुजरात के लिए दो चरणों में होने वाले चुनाव के लिए इस चुनाव में प्रदेश की 25 सीटों पर सभी की निगाहें रहेंगी.

गुजरात की इन 25 सीटों पर रहेगी सभी की नजर 

1. मणिनगर: अहमदाबाद शहर का यह शहरी सीट 1990 के दशक से हिंदू मतदाताओं के कारण बीजेपी का गढ़ रहा है. इस सीट से पीएम नरेंद्र मोदी साल 2002, 2007 और 2014 में जीते थे, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे. इस सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है और सुरेश पटेल यहां से विधायक हैं.

2. घाटलोडीया: अहमदाबाद शहर में ये भी शहरी सीट है और इसमें पाटीदार वोटर्स की एक बड़ी संख्या है. इस विधानसभा ने राज्य में दो मुख्यमंत्री दिए जिसमें वर्तमान के भूपेंद्र पटेल और आनंदीबेन पटेल का नाम है. साल 2017 के चुनाव में बीजेपी ने भूपेंद्र पटेल को टिकट दिया था. इस सीट पर हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाले आरक्षण आंदोलन के बाद पाटीदार मतदाताओं में काफी गुस्सा था लेकिन इसके बावजूद भूपेंद्र पटेल ने 1.17 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. 

3. मोरबी: मोरबी में हाल ही में केबिल पुल गिरने से हुए हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी. इस सीट पर भी पाटीदार मतदाताओं का काफी संख्या है. इस सीट पर साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर बृजेश मेरजा की जीत हुई थी, हालांकि उन्होंने बाद में पार्टी बदल दी थी. इसके बाद साल 2020 के उपचुनाव में बृजेश मरेजा ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी.

4. राजकोट वेस्ट: इस विधानसभा सीट से पीएम नरेंद्र मोदी का लगाव है, क्योंकि अक्टूबर 2001 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी ने फरवरी 2002 में इस सीट से जीत हासिल की. इस सीट पर बीजेपी का दबदबा रहा है, बीजेपी के दिग्गज वजुभाई वाला ने 1980 और 2007 के बीच छह बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया. हालांकि साल 2002 में उन्होंने इस सीट को नरेंद्र मोदी के लिए खाली कर दिया था. 

5. गांधीनगर नॉर्थ: गुजरात की राजधानी गांधीनगर शहर की इस सीट में वैसे तो कोई अलग जाति समीकरण नहीं है. क्योंकि इस सीट पर अधिकतर लोग राज्य सरकार के कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य हैं. गांधीनगर नॉर्थ विधानसभा सीट साल 2008 में बनाई गई थी. इसके बाद साल 2012 में बीजेपी के अशोक पटेल ने 4,000 से अधिक वोटों के मामूली अंतर से जीत हासिल की थी. इसके बाद साल 2017 में कांग्रेस नेता सी जे चावड़ा ने बीजेपी उम्मदीवार अशोक पटेल को लगभग 4,700 वोटों से हराया.

6. अमरेली: इस विधानसभा का गुजरात की राजनीति में काफी नाम है, क्योंकि गुजरात के पहले मुख्यमंत्री जीवराज मेहता 1962 में सौराष्ट्र क्षेत्र के अमरेली से चुने गए थे. इतना ही नहीं साल 1985 से 2002 तक अमरेली से बीजेपी उम्मीदवार जीते थे. हालांकि फिर साल 2002 में एक बड़े उलटफेर में कांग्रेस के परेश धनानी ने बीजेपी को हरा दिया. हालांकि 2007 में बीजेपी के उम्मीदवार दिलीप संघानी ने इस सीट पर वापसी की. वहीं साल 2012 में धनानी ने फिर से बीजेपी से इस सीट को छीना और 2017 में फिर से जीत हासिल की.

7. पोरबंदर: गुजरात की पोरबंदर विधानसभा सीट पर मेर और कोली मतदाताओं का दबदबा है. इस सीट पर लंबे समय से बीजेपी के बाबू बोखिरिया और कांग्रेस के अर्जुन मोढवाडिया के बीच मुकाबला देखा जा रहा है. पिछले चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार बोखिरिया ने विपक्ष के पूर्व नेता और पूर्व राज्य कांग्रेस प्रमुख मोढवाडिया को 1,855 मतों के मामूली अंतर से हराकर जीत दर्ज की थी. 

8. कुतियाणा: गुजरात में की इस सीट की अलग चर्चा की जाती है, क्योंकि  शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के पास यह एकमात्र सीट है. इस सीट पर कथित गैंगस्टर दिवंगत संतोकबेन जडेजा के बेटे कंधल जडेजा ने 2012 और 2017 में बीजेपी को हराया था. हालांकि उन्होंने राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी उम्मीदवारों को ही वोट दिया, जिसे लेकर एनसीपी की तरफ से उन्हें नोटिस दिया गया था.

9. गोंडल: इस विधानसभा सीट पर पटेल और राजपूत समुदायों के बीच राजनीतिक मुकाबला देखा जाता है. इस सीट से वर्तमान में बीजेपी की गीताबेन जडेजा विधायक हैं, जो एक राजपूत और पूर्व विधायक जयराज सिंह जडेजा की पत्नी हैं. जयराज सिंह एक हत्या के मामले में जमानत पर बाहर हैं.

10. मेहसाणा: गुजरात की यह सीट साल 1990 से पाटीदार बहुल और बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. बीजेपी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम नितिन पटेल 2012 और 2017 में यहां से जीते थे. मेहसाणा शहर में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसक विरोध हुआ था.

11. वराछा: सूरत शहर की यह सीट पाटीदार बहुल है, यहां पर साल 2017 के चुनावों से पहले पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा देखी गई. इस सीट पर गुजरात के पूर्व मंत्री किशोर कनानी बीजेपी के टिकट पर साल 2012 में जीते थे और फिर साल 2017 में इस सीट पर अपनी जीत को बरकरार रखा. 

12. झगड़िया: भारतीय ट्राइबल पार्टी के संस्थापक छोटू वसावा आदिवासी बहुल इस सीट से 1990 से जीत रहे हैं. उन्होंने हाल ही में आप से नाता तोड़ लिया था. इस पार्टी के पास गुजरात में दूसरी सीट डेडियापाड़ा है.

13. आणंद: गुजरात की आणंद विधानसभा सीट में पटेल और ओबीसी मतदाताओं का दबदबा है. वर्तमान में यह सीट कांग्रेस के कांति सोधा परमार के पास है जो 2012 और 2014 के उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवारों से हार गए थे, हालांकि फिर साल 2017 के चुनाव में जीत गए.

14. पावी जेतपुर (ST): छोटाउदपुर जिले की यह सीट आरक्षित है और इस सीट पर कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष सुखराम राठवा का कब्जा है.

15. जसदण: वर्तमान में यह सीट बीजेपी के पास है, इस सीट पर बीजेपी के कुंवरजी बावलिया विधायक हैं. कुंवरजी बावलिया राज्य के सबसे बड़े कोली नेताओं में से एक हैं. वह पांच बार के कांग्रेस विधायक थे, लेकिन 2017 में कांग्रेस के टिकट पर जीत के बाद उन्होंने अपना पाला बदल लिया. इसके बाद इस सीट पर उपचुनाव में उनकी ही जीत हुई.

16. दरियापुर: अहमदाबाद शहर की यह मुस्लिम बहुल सीट है, जो साल 2012 में बनी थी. इस सीट पर तभी से कांग्रेस के गयासुद्दीन शेख जीत रहे हैं, हालांकि इस बार एआईएमआईएम के मैदान में आने के साथ ही इस सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा.

17. जमालपुर-खड़िया:  गुजरात के अहमदाबाद शहर की यह सीट भी मुस्लिम बहुल सीट है जो 2012 में बनी थी. पहले चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार समीर खान और निर्दलीय उम्मीदवार साबिर काबलीवाला मैदान में थे. इसके बाद मुस्लिम वोटों के विभाजन के कारण बीजेपी जीत गई. फिर साल 2017 में कांग्रेस ने इस सीट पर जीती दर्ज की. 

18. छोटा उदयपुर (एसटी): कांग्रेस के दिग्गज नेता और 11 बार के विधायक मोहन सिंह राठवा 2012 से यहां से जीत रहे हैं. अब राठवा ने संन्यास का ऐलान कर दिया है और अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे हैं. हालांकि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद नारन राठवा भी अपने बेटे के लिए मैदान में हैं.

19. भरूच: मुसलमान मतदाताओं की बड़ी संख्या के कारण यह सीट सबकी नजरों में रहती है. हालांकि इसके बावजूद बीजेपी साल 1990 से यहां से जीतती आ रही है.

20. गोधरा: बड़ी मुस्लिम आबादी वाली यह एक और सीट है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीके राउलजी ने यहां से 2007 और 2012 में जीत हासिल की थी. इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए, फिर साल 2017 में कांग्रेस के खिलाफ उन्होंने 258 वोटों के मामूली अंतर से जीत हासिल की.

21. भावनगर ग्रामीण: बीजेपी के कद्दावर नेता और कोली नेता पुरुषोत्तम सोलंकी 2012 से यहां से जीत दर्ज करते आ रहे हैं. तबीयत खराब होने की वजह से बीजेपी उन्हें मैदान में उतारने से परहेज कर सकती है.

22. वडगाम: युवा दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस के समर्थन से यहां से जीत हासिल की थी.

23. ऊंझा: मोदी का गृहनगर मेहसाणा जिले का वडनगर इसी निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है. यह क्षेत्र कड़वा-पाटीदार समुदाय की संरक्षक देवी मां उमिया के मंदिर उमियाधाम के लिए प्रसिद्ध है. साल 2017 में एक बड़े उलटफेर में कांग्रेस की आशा पटेल ने बीजेपी के नारायण पटेल को हराया था. वह बाद में बीजेपी में शामिल हो गईं और साल 2019 में उपचुनाव जीता. डेंगू से उनकी मौत के बाद दिसंबर 2021 में यह सीट खाली हो गई थी.

24. राधनपुर: ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर ने साल 2017 में कांग्रेस के टिकट पर यहां से जीत हासिल की थी लेकिन 2019 में कांग्रेस से इस्तीफा देकर वह बीजेपी में शामिल हो गए. फिर उपचुनाव में वह कांग्रेस के रघु देसाई से हार गए थे. बताया जा रहा है कि स्थानीय बीजेपी नेता उनकी उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं.

25. लिंबायत: बीजेपी की संगीता पाटिल 2012 से यहां से जीतती आ रही हैं. यह सीट गुजरात बीजेपी प्रमुख सीआर पाटिल के नवसारी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. यहां मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है और संगीता पाटिल ने लिंबायत में अशांत क्षेत्र अधिनियम लागू करने की मांग की है.

Gujarat Assembly Elections 2022: कैसे 80 साल के बुजुर्ग घर बैठे डाल पाएंगे वोट, जानिए पूरी प्रक्रिया

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

बारिश से नए साल का स्वागत, 5 राज्यों के लिए चेतावनी, 4 डिग्री पारा डाउन, जानें यूपी-दिल्ली से बिहार तक का मौसम कैसा?
बारिश से नए साल का स्वागत, 5 राज्यों के लिए चेतावनी, 4 डिग्री पारा डाउन, जानें यूपी-दिल्ली से बिहार तक का मौसम कैसा?
BEST Bus Accident: कैसे हुआ भांडुप BEST बस हादसा? सामने आई चौंकाने वाली जानकारी | मुख्य बातें 
कैसे हुआ भांडुप BEST बस हादसा? सामने आई चौंकाने वाली जानकारी | मुख्य बातें 
'अगर नेतन्याहू नहीं होते तो इजरायल शायद नक्शे पर भी न होता', जानें क्यों इजरायली प्रधानमंत्री को लेकर ट्रंप ने कही ये बात
'अगर नेतन्याहू नहीं होते तो इजरायल शायद नक्शे पर भी न होता', जानें क्यों इजरायली प्रधानमंत्री को लेकर ट्रंप ने कही ये बात
भारतीय महिला टीम की नजरें टी20 सीरीज में क्लीन स्वीप पर, सांत्वना जीत हासिल करना चाहेगी श्रीलंका
भारतीय महिला टीम की नजरें टी20 सीरीज में क्लीन स्वीप पर, सांत्वना जीत हासिल करना चाहेगी श्रीलंका

वीडियोज

Muzaffarnagar में सिलेंडर फटने से 3 लोगों की मौत | Breaking | UP News
Maharashtra News: Bhandup West के स्टेशन पर बस ने मारी टक्कर, 4 लोगों की हुई मौत
Crime News : तीन दुल्हनों का 'धोखेबाज' दूल्हा ! |Sansani
UP News: सांसद Ravi Kishan पर CM Yogi की फिर तंज भरी टिप्पणी | ABP News
Janhit with Chitra Tripathi: 'सुप्रीम' आदेश..ये 'जनहित' की जीत है! | Kuldeep Sengar | SC |Unnao

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
बारिश से नए साल का स्वागत, 5 राज्यों के लिए चेतावनी, 4 डिग्री पारा डाउन, जानें यूपी-दिल्ली से बिहार तक का मौसम कैसा?
बारिश से नए साल का स्वागत, 5 राज्यों के लिए चेतावनी, 4 डिग्री पारा डाउन, जानें यूपी-दिल्ली से बिहार तक का मौसम कैसा?
BEST Bus Accident: कैसे हुआ भांडुप BEST बस हादसा? सामने आई चौंकाने वाली जानकारी | मुख्य बातें 
कैसे हुआ भांडुप BEST बस हादसा? सामने आई चौंकाने वाली जानकारी | मुख्य बातें 
'अगर नेतन्याहू नहीं होते तो इजरायल शायद नक्शे पर भी न होता', जानें क्यों इजरायली प्रधानमंत्री को लेकर ट्रंप ने कही ये बात
'अगर नेतन्याहू नहीं होते तो इजरायल शायद नक्शे पर भी न होता', जानें क्यों इजरायली प्रधानमंत्री को लेकर ट्रंप ने कही ये बात
भारतीय महिला टीम की नजरें टी20 सीरीज में क्लीन स्वीप पर, सांत्वना जीत हासिल करना चाहेगी श्रीलंका
भारतीय महिला टीम की नजरें टी20 सीरीज में क्लीन स्वीप पर, सांत्वना जीत हासिल करना चाहेगी श्रीलंका
Anupama Spoiler: राही की इज्जत लूटने से बचाएगा प्रेम, रजनी के इरादों को नहीं समझ पाएगी अनुपमा, आएगा महाट्विस्ट
राही की इज्जत लूटने से बचाएगा प्रेम, रजनी के इरादों को नहीं समझ पाएगी अनुपमा
Video: स्टेज पर दूल्हे का हाथ चूमने लगी लड़की, दुल्हन ने बाल पकड़ स्टेज से नीचे फेंका- वीडियो वायरल
स्टेज पर दूल्हे का हाथ चूमने लगी लड़की, दुल्हन ने बाल पकड़ स्टेज से नीचे फेंका- वीडियो वायरल
New Year 2026: नए साल में बच्चों से रिश्ता कैसे मजबूत बनाएं पैरेंट्स? अपनाएं ये 7 स्पेशल रेजोल्यूशन
नए साल में बच्चों से रिश्ता कैसे मजबूत बनाएं पैरेंट्स? अपनाएं ये 7 स्पेशल रेजोल्यूशन
इंजीनियरिंग का डिप्लोमा है तो इस राज्य में मिल रहा JE बनने का मौका, 2800 से ज्यादा पद हैं खाली
इंजीनियरिंग का डिप्लोमा है तो इस राज्य में मिल रहा JE बनने का मौका, 2800 से ज्यादा पद हैं खाली
Embed widget