चाय की दुकान के पास पेड़ के नीचे सोया था आकाश, विमान हादसे की चपेट में आने से मौत
Ahmedabad Air India Plane Crash: अहमदाबाद में एक विमान दुर्घटना में 14 वर्षीय आकाश की मौत हो गई, जो चाय की दुकान के पास सो रहा था. लंदन जा रहा विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

Air India Plane Crash: आकाश पाटनी (14) अहमदाबाद के मेघाणी नगर क्षेत्र में बी जे मेडिकल कॉलेज छात्रावास भवन के पास गुरुवार (12 जून) को उस समय अपने परिवार की चाय की दुकान के पास एक पेड़ के नीचे सो रहा था जब वहां हुए विमान हादसे ने उसे अपनी चपेट में ले लिया.
लंदन जा रहा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान (एआई171) गुरुवार दोपहर 230 यात्रियों और चालक दल के 12 सदस्यों को लेकर अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल कॉलेज के परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में विमान में सवार 241 लोगों की मौत हो गई और जमीन पर जान गंवाने लोगों में आकाश भी शामिल है.
'पहले धातु का एक बड़ा टुकड़ा आकाश के सिर पर गिरा'
आकाश की रिश्तेदार चंदाबेन ने कहा, ‘‘आकाश चाय की दुकान के पास एक पेड़ के नीचे सो रहा था, जो उस छात्रावास की इमारत से सटा हुआ है जिसमें विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ. उस समय उसकी मां सीताबेन चाय बना रही थी. पहले धातु का एक बड़ा टुकड़ा आकाश के सिर पर गिरा और फिर वह आग की लपटों की चपेट में आ गया.’’ चंदाबेन अन्य रिश्तेदारों के साथ सिविल अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष के बाहर खड़ी थीं.
'पहचानना भी है मुश्किल'
उन्होंने कहा, ‘‘आकाश को बचाने के प्रयास के दौरान सीताबेन गंभीर रूप से झुलस गईं. वह अब अस्पताल में भर्ती हैं. आकाश का शव इतनी बुरी तरह झुलस गया कि उसे पहचानना भी मुश्किल है और उसके पिता ने डीएनए परीक्षण के लिए नमूने दिए हैं.’’
आणंद शहर के सुरेश मिस्त्री ने भी अपनी 21 वर्षीय बेटी कृना मिस्त्री के शव की पहचान की प्रक्रिया के तहत सिविल अस्पताल के शवगृह में अपना डीएनए नमूना दिया है.
'दांतों की सर्जरी के बाद वह जा रही थी लंदन वापस'
सुरेश ने कहा, ‘‘कृना को लंदन के लिए कार्य परमिट वीजा एक साल पहले मिला था. वह हाल में आणंद वापस आई थी और दुर्घटना का शिकार हो गई. अपने दांतों की सर्जरी के बाद वह लंदन वापस जा रही थी.’’
'अब भी नहीं हो रहा है विश्वास'
उन्होंने कहा, ‘‘उसने हमें विमान से फोन करके बताया था कि सब कुछ ठीक है और हम आणंद वापस जा सकते हैं. जब हम घर पहुंचे, तो हमें विमान दुर्घटना के बारे में पता चला. मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मेरी प्यारी कृना अब नहीं रही.’’
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Source: IOCL























