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Ahmedabad News: अहमदाबाद में 18 महीनों में 10,000 से अधिक शोर की शिकायतें दर्ज, केवल एक पर हुई कार्रवाई, RTI में खुलासा
Right To Information: अहमदाबाद में एक RTI में खुलासा हुआ है कि, लोगों ने 18 महीनों में 10,000 से अधिक शोर की शिकायतें दर्ज कराई है, लेकिन सिर्फ एक मामले पर ही कार्रवाई हुई है.
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Ahmedabad Noise Pollution: कई लोग तेज गाने और म्यूजिक पर डांस करना पसंद करते हैं, लेकिन कई लोगों को तेज आवाज में बज रहे गाने और म्यूजिक से दिक्कत होती है. टीओआई में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार अहमदाबाद में तेज ध्वनि को लेकर नागरिकों ने 18 महीनों में 10,000 से अधिक शिकायतें दर्ज कराई हैं. हालांकि, अधिकारियों ने केवल एक मामले में कार्रवाई की है.
एक RTI में हुआ खुलासा
सूचना का अधिकार अधिनियम (Right to Information Act) के प्रावधानों के तहत किए गए प्रश्नों के जवाब में यह खुलासा हुआ है. दिसंबर 2019 में, गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Gujarat Pollution Control Board) ने एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें सभी साउंड सिस्टम के लिए साउंड लिमिटर होना अनिवार्य कर दिया था. जीपीसीबी ने सभी नगरपालिका और पुलिस अधिकारियों को लाइसेंस जारी करते समय इसका कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. यह जांचने के लिए कि क्या इन ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण उपायों को ठीक से लागू किया गया या नहीं, शहर के वकील कैवन दस्तूर ने अधिकारियों से जानकारी मांगी, प्राप्त उत्तरों में से एक के अनुसार, जनवरी 2021 और जून 2022 के बीच, अधिकारियों ने ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) के खिलाफ केवल एक मामले में कार्रवाई की थी.
कहां कितनी शिकायतें मिली?
ध्वनि सीमाओं के संबंध में आरटीआई प्रश्नों के उत्तर में, अहमदाबाद नगर निगम ने उत्तर दिया कि यह मुद्दा उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. शहर के पुलिस आयुक्त के कार्यालय से एक जवाब से पता चला कि शहर के पुलिस नियंत्रण कक्ष को ध्वनि प्रदूषण के बारे में शिकायत करने वाले नागरिकों से 10,227 फोन कॉल प्राप्त हुए. कंट्रोल रूम को 2021 में 7,570 और जनवरी 2022 से जून 2022 तक 2,677 शिकायतें मिलीं.
कार्रवाई को लेकर ये है अपडेट
क्या शोर करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई, क्या डीजे साउंड सिस्टम ले जाने वाले किसी भी वाहन को जब्त किया गया,इन सवालों के जवाब में पुलिस आयुक्त कार्यालय ने आवेदक को संबंधित पुलिस थानों में भेज दिया. शाहीबाग और दानिलिमदा को छोड़कर शहर के साथ-साथ जिले भर के सभी पुलिस थानों ने जवाब दिया कि उनके पास इस संबंध में 'शून्य' रिपोर्ट है.
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