साफ हो रही यमुना? दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी की रिपोर्ट में सामने आई बड़ी बात
Yamuna Pollution: बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के दौरान यमुना सफाई का वादा किया था. इसको लेकर लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. इस बीच दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) की रिपोर्ट सामने आई है.

Yamuna Pollution: राजधानी दिल्ली में बीजेपी सरकार बनने के बाद यमुना नदी में सफाई के परिणाम अब दिखने लगे हैं. एबीपी न्यूज़ के पास मौजूद एक्सक्लूसिव दस्तावेजों में सामने आया है की यमुना नदी 8 में से 7 जगहों पर 5 गुना से 23 गुना तक साफ़ हुई है. दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) ने 3 मार्च को दिल्ली में 8 स्थानों पर बहने वाली यमुना नदी के सैंपल टेस्ट करने के लिए इकट्ठा किए थे.
इसकी टेस्टिंग करके 7 अप्रैल को रिपोर्ट तैयार की थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक़ दिल्ली के आईएसबीटी में बहने वाली यमुना में 3 मार्च के सैंपल में फीकल कॉलीफॉर्म 2 लाख 30 हज़ार के स्तर पर रिकॉर्ड हुआ जबकि 10 फरवरी के सैंपल में इसी जगह पर यमुना के 100 ml पानी में फीकल कॉलीफॉर्म 54 लाख था मतलब 16 फ़रवरी से शुरू हुई यमुना की सफाई के बाद से यमुना का पानी 23 गुना साफ़ हुआ है.
DPCC रिपोर्ट में फीकल कॉलीफॉर्म स्तर में भारी गिरावट
निज़ामुद्दीन में DPCC की 7 अप्रैल की रिपोर्ट में सामने आया है कि यमुना 15 गुना साफ़ हुई है. जहां फ़रवरी में निजामुद्दीन में 100 ml यमुना के पानी में फीकल कॉलीफॉर्म 5 लाख 40 हज़ार था वहां अब 35 हज़ार बचा है. ITO पर जहां यमुना के 100 ml पानी में फीकल कॉलीफॉर्म 43 लाख था तो साफ़ सफ़ाई के बाद अब 13 गुना कम 3 लाख 30 हज़ार हो गया है.
ओखला स्थित यमुना में सफाई से पहले फीकल कॉलीफॉर्म 9 लाख 20 हज़ार था तो सफ़ाई के बाद 7 गुना कम 1 लाख 40 हज़ार हो गया है. इसी तरह आगरा कैनाल पर फीकल कॉलीफॉर्म 9 लाख 20 हज़ार से सफ़ाई के बाद 1 लाख 80 हज़ार हो गया है और असगरपुर में फीकल कॉलीफॉर्म 1 करोड़ 60 लाख से 13 लाख हो गया है.
बेहतर और साफ यमुना का टारगेट
वज़ीराबाद स्थित यमुना जहां नजफगढ़ नाला यमुना में प्रवेश करता है और प्रदूषण स्तर बढ़ता है, उसके यमुना में मिलने से पहले फीकल कॉलीफॉर्म दर 2 हज़ार 500 रिकॉर्ड हुआ. बीजेपी सरकार की साफ़ सफ़ाई से पहले 3 हज़ार 500 था और पल्ला जहां से यमुना दिल्ली में प्रवेश करती है वहां फीकल कॉलीफॉर्म अब 2100 है तो पहले 100 ml में 1300 था.
दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) के मुताबिक यमुना में फीकल कॉलीफॉर्म ज़्यादा से ज़्यादा 2500 होना चाहिए, ऐसे में जहां यमुना साफ सफाई के बाद 8 में से 7 जगहों पर पहले से कई गुना साफ़ हुई है. 8 में 6 जगह यमुना में फीकल कॉलीफॉर्म अभी भी तय पैमाने से काफ़ी ज़्यादा है. बीजेपी सरकार ने टारगेट लिया है कि यमुना 1 साल में बेहतर और साफ़ होगी.
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Source: IOCL






















