Rithala Fire: 'मैं नहीं बचूंगा बेटा, दम...', रिठाला में जलती इमारत से पिता की बेटे को आखिरी दर्दभरा कॉल
Rithala Fire News: दिल्ली के रिठाला इलाके में आग की चपेट में आए एक बुजुर्ग ने बेटे को आखिरी बार फोन कर कहा कि मैं नहीं बचूंगा बेटा. यह कॉल उनकी मौत से कुछ ही क्षण पहले की थी.

Delhi Rithala Fire: दिल्ली के रोहिणी स्थित रिठाला इलाके में मंगलवार (24 जून) शाम 4 मंजिला इमारत में लगी भीषण आग ने 4 लोगों की जान ले ली. इसके अलावा तीन अन्य घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज जारी है. वैसे तो ये हादसा अपने आप में भयावह है, लेकिन इसे और दर्दनाक बना रही है इसमें मरने वालों के आखिरी शब्द.
इस हादसे से पहले 62 वर्षीय दिलीप सिंह ने अपने बेटे को आखिरी बार फोन किया और कहा, “मैं नहीं बच पाऊंगा बेटा, दम घुटने से मर जाऊंगा.” यह 43 सेकंड की वह अंतिम कॉल था, जो बेटे धरम सिंह जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगे.
आग लगने के कारणों का अब तक नहीं चला पता
इस इमारत में टिशू पेपर और केमिकल निर्माण से जुड़ी कई फैक्ट्रियां चल रही थीं. आग लगने के वक्त दिलीप सिंह उसी इमारत की चौथी मंजिल पर स्थित टिशू फैक्ट्री में सुपरवाइजर की जिम्मेदारी निभा रहे थे और वहीं रहते भी थे. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अभी तक सभी मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है. शव बुरी तरह जल चुके हैं, जिनकी पहचान के लिए डीएनए जांच करवाई जा रही है. जांच के बाद ही शव परिजनों को सौंपे जाएंगे.
मृतक के बेटे ने क्या बताया?
दिलीप सिंह के बेटे धरम सिंह ने बताया, “मुझे मंगलवार शाम 7 बजकर 40 मिनट पर पापा का फोन आया. उन्होंने घबराते हुए कहा कि फैक्ट्री में आग लग गई है और शायद वे नहीं बच पाएंगे. पहले मुझे लगा कि हल्की आग होगी, मैंने तुरंत उन्हें इमारत से बाहर निकलने को कहा, लेकिन कॉल कट गई.” इसके बाद से उनका कोई संपर्क नहीं हो पाया. दिलीप सिंह की पत्नी, 33 वर्षीय बेटी और 29 वर्षीय एक बेटा उत्तम नगर में रहते हैं और घटना के बाद से बेसुध हैं.
इस हादसे ने एक बार फिर दिल्ली में औद्योगिक सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. ऐसी इमारतों में अग्निशमन उपायों की भारी कमी सामने आ रही है. प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन जिन परिवारों ने अपने प्रियजन खो दिए, उनके जख्म इन औपचारिक कार्रवाइयों से नहीं भर सकते. दिलीप सिंह की आखिरी कॉल पूरे देश को यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि क्या हमारी फैक्ट्रियों में काम कर रहे लोग सुरक्षित हैं?
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Source: IOCL























