Delhi AIIMS: एम्स के इमरजेंसी वार्ड में मरीजों को नहीं लेनी होगी पर्ची! जानें- वायरल मैसेज की सच्चाई
दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) के इमरजेंसी वार्ड में आने वाले मरीजों का आपातकालीन पंजीकरण केवल रोगी की जांच कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर की ओर से किए जाने के बाद ही किया जाता है.

Delhi AIIMS Viral Message: दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को अब 'पर्ची नहीं लेनी होगी' वाला मैसेज काफी तेजी से वायरल हो रहा है. इस मैसेज को पढ़ने के बाद इमरजेंसी में इलाज कराने के लिए एम्स पहुंचने वाले लोगों ने राहत की सांस ली है, हालांकि कुछ लोगों के इसके फर्जी होने का भी शक हो रहा है. ऐसे में वे इसके बारे में सही जानकारी लेने की कोशिश कर रहे हैं, तो हम बताते हैं वायरल हो रहे मैसेज की सच्चाई और कितने काम की है ये जानकारी.
दरअसल, दिल्ली एम्स प्रशासन ने आपात स्थिति में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों और उनके परिजनों के लिए राहत देने के लिए इमरजेंसी में पर्ची बनवाने के लिए अब शुरुआती जांच के इंतजार से छुटकारा दिला दिया है. अब जांच से पहले ही मरीज की पर्ची बना दी जाएगी. साथ ही मरीजों की गंभीरता के आधार पर उन्हें रेड, ग्रीन और येलो जोन में बांट दिया जाएगा. इसे लेकर एम्स के निदेशक एम श्रीनिवास ने एक आदेश जारी किया है. इसके अनुसार, इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के लिए आपातकालीन पंजीकरण केवल रोगी की जांच कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) की ओर से किए जाने के बाद ही किया जाता है, लेकिन अब एम्स इमरजेंसी में आने वाले सभी रोगियों का पंजीकरण आगमन पर परीक्षण के तुरंत बाद किया जाएगा.
जानिए एम्स के सीनियर अधिकारी ने क्या कहा?
आदेश में कहा गया है कि पर्ची बनाने में लंबी लाइन को खत्म करने के लिए आभा आईडी सुविधा का विस्तार किया जाएगा. इस वायरल हो रहे मैसेज की जानकारी की जांच के लिए एम्स के सीनियर अधिकारी और डॉक्टर से संपर्क किया गया. उन्होंने बताया कि लगातार ओपीडी में बढ़ती भीड़ को देखते हुए इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को ध्यान में रखते हुए ये एम्स के अधिकारियों को आदेश जारी किया गया है. 24 घंटे में इस आदेश का क्या असर होता है, क्या इमरजेंसी में आने वाले मरीज को इसका फायदा होता है या नहीं, पूरी जांच के बाद आगे लागू किया जाएगा?
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की दर पर दी जाएंगी सेवाएं
एम्स में आने वाले और भर्ती सभी मरीज को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की दर पर सेवाएं दी जाएंगी. इसे लेकर एम्स के निदेशक ने आदेश जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि योजना में पंजीकृत मरीजों को मुफ्त सुविधाएं दी जाती हैं, जबकि अन्य मरीजों के लिए कोई लेखा- जोखा नहीं है. ऐसे में निर्णय लिया गया है कि लागू आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना दरों के आधार पर समवर्ती कल्पित लागत डे केयर रोगियों सहित सभी आंतरिक रोगियों को सुविधा दी जाएगी.
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Source: IOCL






















